हाशिम अंसारी, हरगांव/सीतापुर (यूपी), NIT; हर मां बाप का सपना होता है,कि उसकी सन्तान सन्मार्ग पर चलकर उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर बढते हुये अपने कुल का नाम रोशन करे, लेकिन कभी कभी आपसी सामंजस्य का अभाव व जरुरत से ज्यादा सख्ती मंसूबों पर पानी फेरते हुये बच्चे के लिये जानलेवा साबित होती है जैसा कि तालिब ने अपनी जिन्दगी गंवाकर सच कर दिखाया है।
मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय थानांतर्गत स्थित नगर पंचायत हरगांव के मुहल्ला काजी टोला निवासी 18 वर्षीय तालिब पुत्र शाहिद ने अपने आप को अपने पिता की 12 बोर की लाइसेन्सी बन्दूक से गोली मार ली।
सूत्रों से पता चला कि आत्महत्या का कोई ठोस कारण भी नही रहा है जिसके चलते उसने खुद को गोली मार ली। घर मे टहलने को लेकर पिता ने उससे यही कहा कि यहां टहलने से कोई काम नही चलने वाला है बेवजह टहलने के बजाय जब तक स्कूल नहीं जाते हो तब तक सीबा क्लीनिक पर ही जाया करो, इस बात को लेकर तालिब के पिता की तालिब से अक्सर तू तू में में होती रहती थी। अनावश्यक नहीं घूमने के लिये शाहिद ने अपने बेटे को काफी समझाया लेकिन जाने कौन सी बात उसके मन में चुभी जो वह इतना भयावह कदम उठाने के लिये मजबूर हुआ और उसने अपने पिता की लाइसेंसी बन्दूक से खुद को गोली मार ली।
प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार पाण्डेय ने बताया कि 18 वर्षीय तालिब ग्रीन फील्ड एकेडमी डिग्री कॉलेज सीतापुर के बी० ए० प्रथम वर्ष का छात्र था, तालिब की मृत्यु के बाद से घर परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मां बाप का रो रोकर बुरा हाल हो रहा है।
सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर शव विच्छेदन गृह सीतापुर भेज दिया है।
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