Edited by Abdul Wahid Kakar,
मुंबई, NIT; समाजवादी पार्टी के विधायक और मुंबई / महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने पत्र लिखकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार के उस बयान की सराहना की है जिसमें श्री पवार ने शनिवार को कोल्हापुर की एक सभा में मराठा आरक्षण के संदर्भ में कहा कि मराठा आरक्षण के लिए भाजपा सरकार को पहल करते हुए संविधान में संशोधन करना चाहिए। आजमी ने श्री पवार के उस सुझाव की प्रशंसा की है जिसमें पवार ने कहा कि संविधान संशोधन के लिए जरुरत पड़ने पर विपक्षी दलों से बातचीत भी कर सकते हैं। वहीं आजमी ने पत्र में याद दिलाया है कि तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी की महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समाज को १६ % और मुस्लिम समाज को ५ % आरक्षण देने का फैसला किया था और इस बारे में प्रस्ताव तैयार किया गया था। हालांकि बाद में मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया गया ,लेकिन कोर्ट ने मुस्लिम समाज के लिए ५% आरक्षण को बनाये रखने का आदेश दिया। आजमी ने पत्र में आगे लिखा है कि भाजपा सरकार मुस्लिम समाज को आरक्षण नहीं दे रही है। यह समझा जा सकता है क्योंकि भाजपा धर्मनिरपेक्ष पार्टी नहीं है ,लेकिन आश्चर्य की बात है कि आपकी पार्टी (एनसीपी) के एजेंडे से मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा गायब है। आजमी ने कहा कि कोर्ट ने मराठा आरक्षण को ख़ारिज कर दिया है लेकिन मुस्लिम समाज को शैक्षणिक संस्थानों में ५% आरक्षण देने को कहा है। उन्होंने आगे बताया है कि सरकार की तरफ से गठित विविध आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में मुस्लिम समाज की स्थिति दलित समाज से भी बदतर है। ऐसे में इस समाज को ५ % आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। आजमी ने आगे लिखा है कि आप जैसा अनुभवी और वरिष्ठ नेता आरक्षण के संदर्भ में संविधान संशोधन की बात करते समय मुस्लिम समाज के लिए आरक्षण का कोटा कैसे भूल गया, यह आश्चर्यजनक बात है। ऐसे में आजमी ने श्री पवार से अपील की है कि वह मुस्लिम आरक्षण के बारे में अपनी पार्टी का रुख साफ़ करें क्योंकि पूरा देश जानना चाहता है कि आप जैसे धर्मनिरपेक्ष नेता मुस्लिम आरक्षण पर क्या सोचता है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.