पुलिस और गुंडों के खौफ से आदिवासी समाज के एक ही परिवार के चार लोगों ने की आत्महत्या, परिवार की आखिरी सदस्य जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती | New India Times

अब्दुल वहीद काकर, धुलिया (महाराष्ट्र), NIT; ​पुलिस और गुंडों के खौफ से आदिवासी समाज के एक ही परिवार के चार लोगों ने की आत्महत्या, परिवार की आखिरी सदस्य जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती | New India Timesधुलिया ज़िले के शिंदखेड़ा तहसील के महडसर गांव के एक ही  परिवार के चार लोगों ने पुलिस के ख़ौफ़ के चलते आत्माहत्या कर ली। जिसमें रेल की पटरी पर पिता आशा राम भबुता भील के साथ दो लड़कों विनोद आशा राम भील, शिवदास आशा राम भील ने भी आत्महत्या कर ली वहीं दूसरी ओर मां वीटा बाई आशा राम भील ने कुएं में कूद कर आत्माहत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली। मां के संग वैशाली ने भी कुएं में कूद कर आत्महत्या करने का प्रयास किया लेकिन सौभग्य से वह बच गई। परिवार की एक मात्र जीवित सदस्या वैशाली को जख्मी हालत में उपचार हेतु धुलिया हिरे मेडिकल महाविद्यालय एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है।​पुलिस और गुंडों के खौफ से आदिवासी समाज के एक ही परिवार के चार लोगों ने की आत्महत्या, परिवार की आखिरी सदस्य जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती | New India Timesप्राप्त जानकारी के अनुसार शिंदखेड़ा तहसील के महडसर गांव निवासी आशा राम भबुता भील को एक अज्ञात व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी देते हुए गांव छोड़ने की चेतावनी दी थी। 10 फरवरी को देशी शराब निर्माण के फ़र्जी अपराध में नरडाना पुलिस ने आशाराम भील को हिरासत में लेकर ज़मानत के लिए एक हजार रुपये की मांग पुलिस कर्मीयो ने की थी। पैसे नही होने के कारण परिवार जनों ने पुलिस और अज्ञात व्यक्ति के ख़ौफ़ के चलते आत्महत्या करने का निर्णय लिया। इस प्रकार का इक़बलिया बयान परिवार की एक मात्र जीवित बची वैशाली आशाराम भबुता भील ने नरडाना प्राथमिक उपचार केंद्र में शिरपुर उप विभागीय पुलिस अधिकारी के समक्ष दिया है। आदिवासी भील समाज ने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर तुरंत अपराधियों को गिफ्तार करने की मांग की है ।


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