अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT;
अल्पसंख्यकों की समस्याओं के लिए संघर्षरत समाजसेवी व अल्पसंख्यक हक आंदोलन के कार्यकारी अध्यक्ष जहीर मुगल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चेतावनी देते हुए समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षण कराते हुए ट्वीटर के माध्यम से कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय को सामाजिक-आर्थिक , शैक्षणिक व राजनीतिक रूप से सशक्त (मजबुत) बनाने के लिए 15 सूत्रीय कार्यक्रम यथासंभव क्रियान्वित करवाया जाये ।साथ ही अलग से अल्पसंख्यको के लिए राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर मंत्रालय बनाया जाये ।अल्पसंख्यक हक आंदोलन के कार्यकारी अध्यक्ष जहीर मुगल ने मुख्यमंत्री चौहान को अवगत कराया कि अल्पसंख्यको को बेहतर शिक्षा व रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने मे सरकार ध्यान नहीं दे रही है जिससे अल्पसंख्यको वर्ग देश की मुख्य धारा से कोसों दूर नजर आ रहा है ।जहीर मुगल ने कहा कि सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए सरकार जल्द से जल्द कदम उठाए वरना समाज की बेहतर के लिए हक आंदोलन समिति राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर आंदोलन को बाध्य होगा।
मुगल ने विस्तार से अवगत कराते हुए बताया कि हक आंदोलन समिति अल्पसंख्यको की समस्याओं के निराकरण के हर कदम पहल करेगी क्योंकि देश की कुल जनसंख्या का 25% अल्पसंख्यक समुदाय है जो कि आजादी से अब तक सामाजिक-आर्थिक शैक्षणिक व राजनैतिक रूप से कमजोर है समय-समय पर अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति पर अध्ययन भी किया गया जिसमे पाया गया की अल्यसंख्यक समुदाय की स्थिति काफी गंभीर है देश में सबसे ज्यादा अनपढ़ मुस्लिम समुदाय से ही है 100 में सें 42% ऐसे लोग है जिन्होने आज तक स्कुल का मुँह तक ही नही देखा। बेरोजगारी में भी मुस्लिम समाज की सख्या सबसे ज्यादा है मतलब 100 में से 30 लोग ही मतलब 30% लोग काम धंधे पर लगे हुऐ है बाकी के 70% लोग बेरोजगार है उन्होंने अफसोस जताया कि यह आंकड़े वाकई में चौकाने वाले है ओर सबसे बड़ी बात है कि 100 में से मात्र 3 लोगो ने ही कालेज का मुँह देखा है मतलब स्नातक (ग्रेजुएशन ) किया हे ।
ओर सबसे बड़ी बात जेलों में बंद कुल केदियों में 40% मतलब 100 में से 40 मुस्लिम समाज के लोग हे इसके पिछे कई कारण हो सकते है इन्ही सभी हालातों को ध्यान में रखकर
हक आन्दोलन अल्पसंख्यक समुदाय की बेहतरी के लिये उठाया गया एक कदम है जहीर मुगल ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि आज अलपसंख्यक वर्ग देश मे विकास की मुख्य धारा से दूर है हमारा विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा मे प्रतिनिधित्व कम हो रहा है जो चिंता का विषय है। इस ओर त्वरित ध्यान की आवश्यकता है।
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