राजनीति का शिकार कैमोर वासियों के पलायन का सिलसिला जारी | New India Times

शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT;

राजनीति का शिकार कैमोर वासियों के पलायन का सिलसिला जारी | New India Times

कैमोर उद्योगीक नगरी में रहवासियों ने पलायन करना प्रारंभ कर दिया है। नगर की आबोहवा में जहर घोलने का लगा रहा आरोप एसीसी सीमेंट प्लांट पर लगाया जा रहा है। प्लांट हैड की करतूत से कैमोर तबाही के दहाने पर पहुंचता जा रहा है।

आरोप है कि प्लांट हैड सुमित चड्ढा ने ठेकेदारों के अधिनसत कार्य करने वाले मजदूरों को प्लांट से बाहर कर बेरोजगार कर दिया है जिसकी वजह से कैमोर के मजदूर अपने परिवार को पालने के लिए मध्यप्रदेश से बाहर जाकर रोजगार तलाश कर मजदूरी करने लगे हैं। मजदूरों ने आरोप लगाया कि स्थानीय मजदूरों को एसीसी से बाहर कर दिया गया और बाहरी मजदूरों को बुलाकर कार्य लिया जा रहा है जिसकी वजह से बेरोजगारी कैमोर में चरम सीमा पर है और मजबूरन मजदूरों को कैमोर से पलायन करना पड़ रहा है।

राजनेताओं ने दे है रखा संरक्षण

कैमोर एसीसी सीमेंट प्लांट की वजह से बेरोजगारों ने जहां कैमोर छोडना प्रारंभ कर दिया है वहीं एसीसी का प्रदूषण जानलेवा हो चुका है। जन प्रतिनिधियों को जहां जनता के हितों में कार्य करना चाहिए वहीं जन प्रतिनिधि अपने मुनाफे के लिए आम जनता को अपनी गंदी राजनीति का शिकार बना रहे हैं जिससे कैमोर नगर व आसपास के रहवासियों में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय जनमानस का आरोप यह भी है की प्लांट हैड सुमित चड्ढा ने कैमोर क्षेत्र की हालत बद से बदतर कर रखी है। जिसको सह दे रहे जन प्रतिनिधि और अधिकारी कर्मचारी। कैमोर नगर की हालत के बारे में नगर के व्यापारी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। व्यापारियों का मानना है कि कैमोर उद्योगीक नगरी में रोजगार समाप्त हो चुका है। कैमोर में सिर्फ घटनाओं में इजाफा हो रहा है। कैमोर की हालत को देखने के बाद भी अधिकारी जन प्रतिनिधि कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।

प्लांट अधिनियम के अनुसार प्लांट को क्षेत्रीय समस्याओं पर गौर करना चाहिए किन्तु प्रशासनिक अधिकारियों की सह से नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जबकि पूर्व के प्लांट हैड नियम कानून के अनुसार प्लांट का संचालन करते थे और इन दिनों जो प्लांट हैड है वह जन प्रतिनिधियों के तलवे चाटने पर विश्वास करते हैं और जमकर निमय कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।


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