जब नेता कमजोर और बेचारे हो जाएं तो जनता को अपने हक के लिए मुखर होना पड़ेगा: नारायण त्रिपाठी | New India Times

मोहम्मद इसहाक मदनी, ब्यूरो चीफ, मैहर (मप्र), NIT:

जब नेता कमजोर और बेचारे हो जाएं तो जनता को अपने हक के लिए मुखर होना पड़ेगा: नारायण त्रिपाठी | New India Times

पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि एक दौर हुआ करता था जब रीवा के लोग सतना खरीदारी करने आते थे लेकिन आज का दौर यह है कि सतना के लोग रीवा खरीदारी करने आते है कारण मात्र इतना है कि हम अपने हक अधिकार की लड़ाई मजबूत इच्छा शक्ति के साथ नहीं लड़ पाए हमने जिनको अपना नेता चुना जिन्हें हमने जनप्रतिनिधित्व का मौका दिया वे लोग सिर्फ अपने धंधा व्यापार में लगे रहे क्षेत्र और जन का विकास उनकी प्राथमिकता से दूर निकल गया। श्री त्रिपाठी ने कहा कि मैं मानता हूं कि रीवा के लिए राजेन्द्र शुक्ला जो कर रहे हैं उचित है रीवा उनकी जन्म भूमि है उनका गृहग्राम है उसके विकास के लिए वे जो भी कर रहे हैं यह उनका दायित्व है लेकिन आज वे प्रदेश के डिप्टी सीएम है इस नाते उनका कर्तव्य यह भी है कि उनके अगल बगल के जिलों का भी समुचित विकास होना चाहिए वहां के लोगो की व्यवस्थाओं का ध्यान भी उन्हें रखना चाहिए।

रीवा संभाग है पूर्व में विंध्य की राजधानी रही है और एकबार फिर हम सभी रीवा को विंध्य की राजधानी के रूप में देखना चाहते हैं इसलिए वहां कैंसर यूनिट होनी चाहिए लेकिन हमारा सतना मेडिकल कालेज भी इस कैंसर यूनिट से अछूता नहीं रहना चाहिए। कोई हमारे हक अधिकार को न छीने। वैसे हमारे धंधा परस्त बेचारे नेताओ की बदौलत हमारा तेल डीपो  जबलपुर के भिटौनी गया,हमारा एयरपोर्ट जो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय से सतना में था अब कही और है हमारी कैंसर यूनिट कही और जा रही है।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि आज किसी भी शहर के विकास के लिए रेल और एयर सुविधा होना आवश्यक है जो हमसे हमारे पड़ोसी छीन छीन कर ले जा रहे हैं हम कब तक देखते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम सतना कलेक्टर को बधाई देते हैं जिन्होंने आते ही सतना एयर स्ट्रिप क्षेत्र का निरीक्षण किया कमियों को देखा परखा उन्हें सुधार करने का प्रयास भी कर रहे है। लेकिन पूर्व में इस क्षेत्र को जमीन के सौदागरों के हवाले कर दिया गया जिसे इन लोगो ने तीन तिकड़म कर बेचने का कार्य किया।

उन्होंने कहा कि हम व्यापारी भाइयों की संस्था विंध्य चेम्बर आफ कामर्स को बधाई देते है जिन्होंने शहर के विकास की जनता के हकों की तमाम लड़ाइयां लड़ी। मैं एकबार फिर उनसे कहना चाहता हुं कि अब बेचारे नेताओं को छोड़िए नेता कमजोर हो चुके हैं आप लोगों ने मेडिकल कालेज लाने की लड़ाई जिस तरह लड़ी उसी तरह की लड़ाई का पुनः आगाज करिए। धंधा व्यापार को अपना कर्तव्य मानने वाले नेता कब तक मोदी जी और श्रीराम प्रभु ने नाम पर कब तक जीतते रहेंगे जनता जब जागेगी इन्हें सबक सिखाएगी।

नारायण त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपने मैहर के लोगों के हक और अधिकार की लड़ाई दो दो मुख्यमंत्रियों से मुखर होके लड़ी। हमने मैहर को जिला बनाने के लिए अपना सबकुछ दाव में लगा दिया बागी हो गया लेकिन मैहर को हरहाल में जिला बनाने का कार्य किया। अपनी जनता जनार्दन के हकों की हर लड़ाई उनके अधिकारों की लड़ाई आगे भी मुखरता के साथ लड़ते रहेंगे।


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By nit

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