महाराष्ट्र के अक्कल कुआं की पावन धरती पर भव्य मुशायरे का आयोजन | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

महाराष्ट्र के अक्कल कुआं की पावन धरती पर भव्य मुशायरे का आयोजन | New India Times

महाराष्ट्र के अक्कल कुआं की धरती (जिसे “जामिया अक्कल कुआं” के नाम से पूरे इस्लामी जगत में जाना और पहचान जाता है) यह अज़ीम उश शान मुशायरा हमज़ा खान हशमत खान उर्फ़ बाबा कुरैशी के वैवाहिक उत्सव (जश्न-ए-मनाकहत) के शुभ अवसर पर आयोजित जनाब कुरैशी अशफाक (मालेगांव) की सदारत में बाबा कुरैशी अकल कुआं की सरपरस्ती में और इलियास अब्बासी एवं शाहिद टांडवी की निगरानी में जामिया चौक, अबरार नगर, अकल कुआं, महाराष्ट्र में शानदार तरीके से संपन्न हुआ। मुशायरे के संयोजक आज़ाद कुरैशी अकल कुआं ने बताया कि यह पहला मुशायरा था, जो हमज़ा खान हशमत खान के विवाह के अवसर पर आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत कुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुई, जिसे क़ारी हुसैन अहमद मारूफी ने शानदार अंदाज़ में प्रस्तुत किया। मुशायरे का प्रारंभिक संचालन शायर इलियास अब्बासी ने किया, जबकि मुशायरा का विधिवत संचालन बुरहानपुर के अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शायर और नाज़िम-ए-मुशायरा डॉ. जलील बुरहानपुरी ने किया। और अपने शानदार  अंदाज़ से मुशायरे को ऊँचाइयों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई।

मुशायरे की शुरुआत मजीद आतिश मारोल की नात-ए-पाक से हुई। इस मुशायरे में कई मशहूर शायरों ने अपनी शायरी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, जिनमें प्रमुख रूप से इलियास अब्बासी, शाहिद टांडवी, मर्तुजा जमाल,फौज इरफानी (अकल कुआं),फैसल मारोलवी (मुंबई),अब्दुल हमीद वासिफ (गुजरात), नज़ाकत अली नज़ाकत (महाराष्ट्र), मजीद आतिश (महाराष्ट्र),सागर बुरहानपुरी (सूरत), सैयद रियासत अली रियासत (बुरहानपुर), डॉ. जलील बुरहानपुरी, क़मर एजाज (औरंगाबाद) शामिल हैं। इन सभी शायरों ने अपने बेहतरीन कलाम से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। मुशायरे में शहर की कई प्रतिष्ठित हस्तियों और साहित्य प्रेमियों ने शिरकत की।

इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में शेरा भाई, राजमोही,डॉ. सलीम पठान,क़य्यूम खान पठान,,अब्दुर्रहिम दादा आदि मौजूद रहे।मुशायरे के आरंभ से पूर्व क़ारी शफीक़ (उस्ताद, फारसी विभाग, अक्कल कुआं) ने अपने प्रभावशाली कलाम से माहौल को खुशनुमा बना दिया और श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।कार्यक्रम में क़ारी हुसैन अहमद मारूफी ने बेहतरीन अंदाज़ में सेहरा पढ़कर वाहवाही लूटी और फिर मुशायरे की समाप्ति से पूर्व नात-ए-पाक का नज़राना पेश किया।अंत में इलियास अब्बासी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और मुशायरे के सफल समापन की घोषणा की।


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