नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

महाराष्ट्र में मराठा कुनबी दोनों एक हि हैं उनको राज्य में पिछड़ों (OBC) का सामाजिक आरक्षण मिलना चाहिए इस मांग को लेकर मराठों का आंदोलन उफान पर था तब केंद्र सरकार ने नवंबर 2024 में महाराष्ट्र की 19 जातियों को OBC में शामिल कर दिया जिसमें गुर्जर समाज का समावेश है। केंद्रीय राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने दिल्ली में सामाजिक न्याय मंत्री विरेंद्र कुमार से मुलाकात कर उक्त मामले में गुजर समुदाय को OBC कोटे से आरक्षण का तत्काल प्रभाव से लाभ मिलना शुरू होना चाहिए इस लिए कानूनी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने मांग की है। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने 2024 में महाराष्ट्र की राज्य सूची नं 220 में निहित गुर्जरों के लेवे गुजर , रेवे गुजर , रेवा गुजर , बडगुजर , सूर्यवंशी गुजर समेत राज्य सूची नं 216 , 189 , 262 और 263 में शामिल कुल 19 जातियों को OBC प्रवर्ग में सूचीबद्ध कर दिया है।

जाती की गिनती और आरक्षण की मर्यादा हटाने पर क्यों चुप है बीजेपी ?
मोदी सरकार ने 2021 की जनगणना (Caste Census) नहीं कराई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सामाजिक आरक्षण की तय की गई 50% की सीमा को ख़त्म करने के कांग्रेस के प्रण पर मोदी सरकार और बीजेपी आज तक चुप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में खामोश रहते हैं तो दूसरी ओर चुनावी रैलीयों में जोश आवेश के साथ घंटों तक लंबा भाषण देते हैं।
वर्गीकरण पर राज्य सरकार की भूमिका अस्पष्ट: 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की 7 सदस्यीय संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से SC/ST में उपवर्गीकरण का फैसला सुनाया। राज्य की देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लागू करने के मामले में कोई कदम नहीं उठाया है। हमारे देश की तरक्की और विकास में सामाजिक आरक्षण का बहुत बड़ा योगदान रहा है जरूरी है कि सत्तापक्ष बीजेपी आरक्षण के मसले पर कोई ठोस स्टैंड ले।
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