लेखपाल मनीष कश्यप की निर्मम हत्या की इटवा लेखपाल संघ ने निन्दा करते हुए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन | New India Times

अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:

लेखपाल मनीष कश्यप की निर्मम हत्या की इटवा लेखपाल संघ ने निन्दा करते हुए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन | New India Times

जनपद बरेली में लेखपाल मनीष कश्यप की निर्मम हत्या के विरोध में उ.प्र. लेखपाल संघ इटवा इकाई ने घटना की कड़ी निन्दा करते हुए मुख्यमंत्री को सम्बोधित दस बिन्दुओं का मांगपत्र उपजिला अधिकारी को सौंप कर कार्यवाही की मांग किया। उ.प्र. लेखपाल संघ इटवा इकाई के पदाधिकारियों में अध्यक्ष अमरदीप चौधरी तथा मंत्री नवीन कुमार चौधरी की अगुवाई में इटवा के लेखपालों द्वारा मंगलवार को सर्वप्रथम मृतात्मा की शान्ति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर ईश्वर से प्रार्थना की गयी इसके साथ परिवार को इस कष्ट की घड़ी से उबरने की ईश्वर से प्रार्थना की गयी। इसके उपरांत उपजिला अधिकारी इटवा कल्याण सिंह मौर्य को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर उपजिला अधिकारी न्यायिक मनोज कुमार भी मौजूद रहे। जनपद बरेली में 27 नवंबर से अपहृत लेखपाल मनीष कश्यप का 18 दिन बाद दिनांक 15 दिसम्बर 2024 को एक नर कंकाल सिर्फ सिर कंकाल बरामद कर पुलिस ने हत्या के रूप में घटना का खुलासा किया है। पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गम्भीरता से नहीं लिया।लेखपालों द्वारा पुलिस एवं प्रशासन की संवेदनहीनता पर आक्रोश व्यक्त करते हुए निम्न मांग की गयी है।
बरेली लेखपाल हत्याकांड की सी बी आई, सी आई डी जांच हो जिसमें घटना के सही कारणों एवं दोषियों का खुलासा हो। समस्त दोषियों की गिरफ्तारी के बाद सख्त सजा दिलाई जाए। मृतक का परिवार गरीब एवं असहाय है। मृतक के पिता की पूर्व में मृत्यु हो चुकी है। मृतक की माता एवं पत्नी, बच्चों को 50.50 लाख रुपए आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। मृतक आश्रित कोटे से नौकरी एवं असाधारण पेंशन व देयकों का भुगतान तत्काल किए जाएं। इच्छुक लेखपालों को शस्त्र लाइसेंस बिना पुलिस कार्रवाई के केवल उपजिलाधिकारी की रिपोर्ट पर दिए जाए। लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक के साथ शासकीय कार्य के कारण, आन ड्यूटी घटना सरकारी कार्य में बाधा, अभद्रता, मारपीट मारने की धमकी हमला को गैर जमानती अपराध घोषित किया जाए। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को त्वरित व प्रभावी कार्रवाई के निर्देश निर्गत किए जाएं। क्षेत्र में रात्रि निवास की बाध्यता समाप्त की जाए। लेखपालों से कोई एफआईआर दर्ज न करवाई जाए। उ प्र राजस्व संहिता की धारा 67 की रिपोर्ट के लिए आनलाइन पोर्टल विकसित किया जाए। अवैध खनन के प्रकरणों में लेखपाल केवल रायलटी, जुर्माना रिपोर्ट करेगा। अवैध खनन पकड़ने में ड्यूटी न लगाई जाए।

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