आप कहीं भी मन्दिर बनाइये किसी को कोई एतराज नहीं,‌ आप देश की एकता अखंडता को खत्म करना चाहते हैं: यासूब अब्बास | New India Times

अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:

आप कहीं भी मन्दिर बनाइये किसी को कोई एतराज नहीं,‌ आप देश की एकता अखंडता को खत्म करना चाहते हैं: यासूब अब्बास | New India Times

आल इण्डिया शिया पर्सनलाॅ बोर्ड के महामंत्री, फखरे मिल्लत मौलाना जनाब यासूब अब्बास साहब किबला महावन में मजलिस को खिताब करने आये। इस मौके पर पत्रकार वार्ता में, मौलाना यासूब अब्बास साहब ने कहा, उतर प्रदेश के सम्भल में कोर्ट द्वारा तत्पर सर्वे के आदेश दे, सम्भल की घटना, अजमेर की दरगाह के सर्वे को लेकर पत्रकारों ने वार्ता में पूछा, जिसका जबाव देते हुए मौलाना यासूब अब्बास साहब ने कहा कि,
बड़े अफसोश की बात है जिस तरह संभाल में तत्पर सर्वे के आदेश दिए गए।

हर मस्जिद के नीचे मन्दिर तलाश किया जा रहा है, हर मजार के नीचे मन्दिर ढूंढा जा रहा है। यह सब प्लेन के तहत हो रहा है। ऐसा करके आप देश में क्या मेसेज देना चाहते हैं। बडे अफसोस की बात है, केंद्र में भाजपा की सरकार है, मोदी जी सबके विश्वास की बात करते हैं, और प्रदेशों में भी भाजपा की सरकार है जो कानों में तेल डाले मुक्दर्शक बने बैठी है। कितना बड़ा हमारा हिंदुस्तान है आप कहीं भी मन्दिर बनाइये, किसी को कोई एतराज नहीं। आप देश की एकता अखंडता को खत्म करना चाहते हैं। मस्जिद खोदकर मन्दिर बनाना चाहते हैं। इस तरह के मुद्दों से आपसी इतिंहाद को खत्म करना चाहते हैं।

हम टू नेशनल थौरी के खिलाफ हैं हम पकिस्तान के खिलाफ हैं। इसीलिए हमने मुहम्मद अली जिन्ना के खिलाफ हुसैन वाय जी को इलैक्शन लड़ाया। ताकि वो जीत ना पाये। अगर हिंदुस्तान में हमारी मस्जिदों मजारों के ऊपर उंगलिया उठ रही है। तो हिंदुस्तान की छवि विदेश में खराब हो रही है। अभी मैं लंदन में था तो वहां कहा गया कि, हिन्दुस्तान में मन्दिर मस्जिद के नाम पर झगड़ों की बात कही। आल इण्डिया शिया पर्सनलाॅ बोर्ड इसकी सख्त लहजे में मज्जमत करती है। इस मौके पर शब्बर रिजवी, अफरोज रिजवी, पर्रो रिजवी, इक्को भाई,  तालिव, नजब रिजवी, रिजवान रिजवी, आदि मोजूद रहे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading