नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

आने वाले कुछ दिनों में महाराष्ट्र के नए मंत्री परिषद का पिक्चर साफ़ हो जाएगा। देवेन्द्र फडणवीस को CM बनाया गया तो मराठा कुनबी आरक्षण आंदोलन को राज्य में अधिक बल मिलेगा। बीजेपी के कोटे से मंत्री बनाए जाने के लिए युवा के साथ साथ चुनकर आए विधायक को उसकी सीट से कितना लीड मिला है यह पैमाना रखा गया है। 2014-2024 पूरे दस साल गुर्जर समाज से गुलाबराव पाटील और गिरीश महाजन मंत्री बने रहे। इन दोनों मंत्रियों के कार्यकाल में जलगांव जिले का कोई खास विकास नहीं हो पाया। विकास को लेकर मीडिया में केवल फर्जी खबरे हि बनती रही। जलगांव जिले के रावेर लोकसभा क्षेत्र में लेवा पाटीदार और जलगांव लोकसभा क्षेत्र में कुनबी मराठा समाज की आबादी का नेतृत्व करने वाले विधायकों को मंत्री नहीं बनाया गया।

अटल-आडवाणी के दौर में बीजेपी “सब समाज को लिए साथ में आगे बढ़ते जाना है” इस लाइन पर आचरण विचरण करती नज़र आती थी। लेकिन मोदी शाह की बीजेपी में जिताऊ और सीट कमाऊ प्रत्याशी पर ज़ोर दिया गया। इससे परिस्थिति के अनुरूप पार्टी संगठन को सफलता भी मिलती रही। लेकिन जिले का बड़ा तबका पार्टी से छिटकता गया जिसका परिणाम आज विपक्ष के प्रत्याशियों के पाले में एक लाख तक वोट दिखाई दे रहे हैं। आने वाले समय में महाराष्ट्र में मुंबई से लेकर नागपुर और जलगांव से कोल्हापुर तक लोकल बोर्ड के आम चुनाव होने हैं। इन चुनावों में बीजेपी का विधानसभा में किया गया प्रदर्शन नतीजों मेऊ बिलकुल उल्टा हो सकता है। जिले से एक लेवा पाटीदार और एक मराठा कुनबी समुदाय का मंत्री बनाया जाना चाहिए ऐसी वर्तमान राजनीती की मांग है।
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