गौमाता की दुर्दशा के ज़िम्मेदार कौन: पंडित शुभम अग्निहोत्री | New India Times

पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

गौमाता की दुर्दशा के ज़िम्मेदार कौन: पंडित शुभम अग्निहोत्री | New India Times

जिला ग्वालियर के मोहना कस्बे में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में पंडित शुभम अग्निहोत्री ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब समय आ चुका है कि सरकार को अति शीघ्र गौमाता को राष्ट्र माता घोषित कर देना चाहिए। भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं गौचारण लीला की और गौपालन किया इसी कारण उनका एक नाम गोपाल पड़ा। अत्यन्त दुखद है कि गौमाता हमारी कष्ट में हैं।

गौमाता को कचड़े में अपना खाना ढूंढना पड़ रहा यह खेद का विषय है। सरकार को चाहिए कि सभी गौशालाओं में अधिक से अधिक लोगों को गौमाता के गोबर और गोमूत्र से बने प्रोडक्ट का प्रशिक्षण कराये और अधिक से अधिक संख्या में बाजारों में प्रोडक्ट में उतारने का काम करें हालांकि कुछ गौशालाओं में गौमाता के गोबर और गोमूत्र से अनेक प्रकार प्रोडक्ट बनाने का काम चल रहा है परन्तु जब प्रोडक्ट अधिक मात्रा में बनेंगे तो उनकी कीमतों में कमी आएगी जिससे अधिक से अधिक लोगों को प्रोडक्ट खरीदने में रुचि बढ़ जाएगी।

उन्होंने उन लोगों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो लोग गौमाता को दूध पीकर छोड़ देते हैं। गौमाता पशु नहीं धन है किसानों को आगाह करते हुए कहा कि जब तक गौमाता खुश नहीं रखोगे तब तक आपके यहां खुशहाली कैसे होगी। गौमाता की दुर्दशा के जिम्मेदार किसान हैं।आप सोचते हो कि गौमाता को खिलाकर आप घाटे में हो जाओगे यह सोच आपकी गलत है।आप गौमाता की निस्वार्थ भाव से सेवा करके तो देखो। आपकी दिशा और दशा दोनों बदल जाएगी।

राम बिहारी दीक्षित, भोलू दीक्षित, नन्दू दीक्षित, पवन दीक्षित, रामबाबू दीक्षित, रिषू दीक्षित, जितेन्द्र तिवारी (जीतू भैया), परमानन्द मिश्रा, श्री मती आराधना दीक्षित, श्रीमती कल्पना दीक्षित, श्रीमती प्रमोदिनी दीक्षित, श्रीमती एकता दीक्षित, धीरेन्द्र दीक्षित, श्रीमती चावली, नमृता दीक्षित, श्रीमती शिवानी दीक्षित, अश्विनी दीक्षित, आदि भक्तों ने भागवत जी की आरती उतारी।


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