अर्चना चिटनिस के प्रयास से बुरहानपुर के शासकीय आयुर्वैदिक कॉलेज को 50 सीटों की अनुमति | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

अर्चना चिटनिस के प्रयास से बुरहानपुर के शासकीय आयुर्वैदिक कॉलेज को 50 सीटों की अनुमति | New India Times

विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के किए गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप बुरहानपुर के पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय को भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा बीएएमएस की 50 सीटों पर मान्यता पुनः मिल गई है। अब महाविद्यालय में देश, राज्य एवं बुरहानपुर के छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिल सकेगा और वह चिकित्सक बन सकेंगे।

उल्लेखनीय हैं कि कुछ दिन पूर्व श्रीमती चिटनिस के प्रयासों के परिणाम स्वरूप महाविद्यालय के सत्र 2024-25 मान्यता पुनः बहाल कराई गई थी। किंतु सीट संख्या घटाकर 24 कर दी गई थी। जिसके बाद श्रीमती चिटनिस ने सीट संख्या में वृद्धि के लिए लागतार प्रयासरत रहकर आखिरकार 50 सीट पर मान्यता प्राप्त कराई। पुनः 50 सीट की मान्यता मिलने पर श्रीमती चिटनिस ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, केन्द्रीय राज्य आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव एवं आयुष मंत्री इंदरसिंह परमार का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

ज्ञात हो कि पूर्व में बुरहानपुर के पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय की आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण निरस्त हो गई थी। जिसके बाद श्रीमती अर्चना चिटनिस ने पुनः प्रवेश मान्यता को लेकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, आयुष मंत्री इंदरसिंह परमार सहित संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर महाविद्यालय की मान्यता निरंतर बनी रहे इस हेतु अनुरोध किया था।

जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव एवं मंत्री इंदरसिंह परमार ने संबंधित अधिकारियों को निर्धारित और आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति करने के निर्देश दिए, तत्पश्चात मापदण्डों की पूर्ति होने के बाद भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, आयुष मंत्रालय नई-दिल्ली को अपील की गई थी और महाविद्यालय की मान्यता पुनः बहाल हो सकी थी।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि सत्र 2024-25 हेतु भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, आयुष मंत्रालय नई-दिल्ली द्वारा आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण बीएएमएस पाठ्क्रम की प्रवेश मान्यता निरस्त की गई थी। जिससे देशभर सहित म.प्र. राज्य के कई होनहार छात्रों को चिकित्सक बनने में वंचित होना पड़ सकता था।

मान्यता निरस्त होने की जानकारी मिलते ही संबंधित अधिकारियों को अपील करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अपील होने के साथ ही उच्चतम प्रयास किए गए, जिसके परिणाम स्वरूप मान्यता पुनः बहाल हो सकी थी किंतु सीट संख्या कम कर दी गई थी। लागतार किए गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप महाविद्यालय में बीएएमएस के लिए 50 सीटों की मान्यता पुनः प्राप्त करा ली गई हैं।

श्रीमती चिटनिस ने कहा कि आगामी सत्र में महाविद्यालय की मान्यता निरंतर बनाए रखने के लिए आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति रहे, यह सुनिश्चित किया जाएगा। विगत दिनों महाविद्यालय कार्यकारिणी की बैठक में आवश्यक सुझाव व निर्देश दिए हैं।


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By nit

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