मकसूद अली, यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT; शीतकालीन अधिवेशन के पहले ही दिन सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस दल संयुक्त मोर्चा निकालने जा रहे है। इस मोर्चे की कमान खुद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के हाथों में होगी। नागपुर में विधानभवन पर निकाले जाने वाले इस मोर्चे से पहले दोनों दल दिंडी यात्रा भी निकलेंगे। कांग्रेस जहाँ वर्धा से तो राष्ट्रवादी यवतमाल से अपनी दिंडी यात्रा लेकर विधानभवन में कूच करेगी।राष्ट्रवादी के नजरिये से यह आंदोलन एक तरह से विदर्भ में अपनी शक्ति की आत्मसम्मान का भी होगा। कभी विदर्भ में मजबूत स्थिति रखने वाले दल वर्त्तमान में राजनीतिक रूप से हाशिएरपर चले गए हैं। जिस विदर्भ में वर्ष 2004 में 11, 2009 से 4 विधायक थे वहीं 2014 में यह संख्या महज एक पर सिमट गयी है। पार्टी को इस स्थिति से उबारने के लिए संगठन विस्तार का जिम्मा खुद शरद पावर ने हाथों में लिया है। इसलिए पार्टी इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए जी जान से जुट गयी है।एक दिसंबर से यवतमाल से निकल कर विदर्भ भ्रमण करने वाली राष्ट्रवादी की दिंडी का कार्यक्रम तय हो चुका है। अनिल देशमुख और संदीप बाजोरिया को इस यात्रा का समन्वयक बनाया गया है। अपनी दिंडी यात्रा के माध्यम से पार्टी विदर्भ भर में अपनी नीतियों का प्रचार प्रसार करेगी।
दो संसदीय सीट पर ज्यादा जोर
राष्ट्रवादी पार्टी द्वारा विदर्भ की दो लोकसभा सीट यवतमाल-वाशिम और गढ़चिरोली में खास ध्यान दिया जा रहा है। इन दोनों जिलों में पार्टी संगठनात्मक रूप से काफी मजबूत स्थिति में है। स्थानिक स्वराज्य संस्था और सहकार क्षेत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की पकड़ है। इसीलिए इन दोनों जिलों में खास ध्यान दिया जा रहा है।
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