अब्दुल वहीद काकर, धुले (महाराष्ट्र), NIT;डॉक्टर तथा फार्मासिस्टों की रिक्तियों को सिविल सर्जन भरने तैयार नही जिसके कारण राज्य के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल के निर्वाचन क्षेत्र में चिकित्सकों की कमी से दोंडाईचा उपजिल्हा अस्पताल जूझ रहा है।
जानकारी के अनुसार उप जिला अस्पताल दोंडाईचा में डाक्टरों व स्टाफ की कमी जिसे सिविल सर्जन तथा जिला अस्पताल प्रशासनने अनदेखी कर रखी है, जिसकी वजह से मरीजों का समय पर उपचार नही हो पा रहा है। दोंडाईचा के नागरिकों ने अनेक बार चिकित्सकों की कमी और लेटलतीफी की शिकायतें दर्ज कराई हैं लेकिन ज़िला सिविल सर्जन ने अनदेखी कर दी है। दोंडाईचा उप स्वास्थ्य केंद्र में चार डॉक्टरों की स्वीकृति है लेकिन दो डॉक्टर ही पदस्थ हैं। उप स्वास्थ्य केंद्र पर 40 हजार की अाबादी पर दो डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उसमें भी डॉक्टर सचिन पारख की जांच शुरू होने के कारण उन्होंने वरिष्ठों की आज्ञा के बिना छुट्टियों का आवेदनपत्र कार्यालय में रख कर निकल गए हैं जिसके कारण दोंडाईचा उप जिला अस्पताल में मनमर्ज़ी का कारोबार चल रहा है।
उप जिला अस्पताल डॉक्टरों के अभाव में रिफर अस्पताल बना हुआ है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के मामलों में ग्रामीण क्षेत्रों में पिछड़ते जा रहे हैं। हालात ये हैं कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को डॉक्टर को ढूंढना पड़ता है। रोज यहां पर 300-350 मरीज इलाज के लिए आते हैं। ओपीडी में अधिकतम चार डॉक्टरों की ड्यूटी रहती है। सिविल सर्जन की अनदेखी के कारण दोंडाईचा उप जिला अस्पताल में नए चिकित्सकों की नियुक्ति नही की जा रही है। यहाँ चिकित्सा की सुविधाओं का काफी अभाव है। यहां पर पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं जिससे मरीजों को इलाज के लिए धुलिया ज़िला अस्पताल आना पड़ता है। कई मरीजों को सुविधा के अभाव में निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है, जिस के कारण गरीब लोगों का आर्थिक शोषण हो रहा है। अस्पताल में तीन फार्मासिस्ट दवा निर्माता है जिसमें एक का ताबादला हो गया है, दूसरे ने सेवानिवृत्ति ले ली है जिसके कारण से एक ही दवा निर्माता दवाई दफ्तर एवं अन्य काम संभालने में काफी दिक्कतों का सामना करते हुए कार्य कर रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक नागरिक ने NIT संवाददाता को बताया है कि राज्य सरकार के मंत्री के गृह नगर में स्वास्थ्य सेवाओं से जनता त्रस्त है जिससे राज्य के अन्य ग्रामीम अंचलों का अंदाजा लगाया जा सकता है क्या हालत होंगी?
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