राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं गांव में पहुंचने का दावा करती है लेकिन आज भी गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। सड़क न होने के कारण एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है। वही कीचड़ वाले रास्ते में गांव के बीमार मरीजों के लिए खटिया ही एंबुलेंस बन जाती है।
ताजा मामला देवरी विकासखंड के ग्राम घुघरी का है, जहां 1 किलोमीटर का पूरा रास्ता दलदली होने के कारण एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए खटिया पर गांव की सड़क तक लाते समय रास्ते में महिला ने एक बच्चे को जन्म दे दिया, क्योंकि दलदली रास्ते के कारण आदिवासी टोला तक एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी, महिला के पति तेजराम आदिवासी ने बताया कि घुघरी मौजा के आदिवासी टोला में 10- 12 परिवार सरकारी पट्टे की भूमि पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर निवास करते आ रहे हैं।
घुघरी गांव से आदिवासी टोला को जोड़ने वाला रास्ता दलदली है। रास्ते पर एक दबंग व्यक्ति द्वारा कब्जा कर लिया है और फसल बो रखी है,जिससे लोगों पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है। सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण होने के कारण यहां कोई भी वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। डिलीवरी के समय यहां एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी। तेजराम ठाकुर ने बताया कि उनकी पत्नी माया को डिलीवरी के लिए अस्पताल लाने के लिए खटिया पर रखकर निकले तेज बारिश होने के कारण कीचड़ भरे रास्ते से आधा किलोमीटर पहुंचने पर रास्ते में ही शाम डिलीवरी हुई और गांव की महिलाओं को बुलाकर डिलीवरी करना पड़ी। इसके बाद खटिया पर ले जाकर मां और नवजात बच्चे को गांव की सड़क तक एक निजी वाहन से देवरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां दोनों स्वस्थ हैं। रास्ता खराब होने के कारण करीब 2 घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची।
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