अरशद आब्दी/ सूरज कुमार, झांसी (यूपी), NIT; झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज जैसे हालात बन रहे हैं। यहां एक बार फिर दवाएं खत्म हो गई हैं। जीवन रक्षक दवाएं भी खत्म होने को हैं। बकाया भुगतान नहीं होने के कारण कंपनियों ने सप्लाई देने से भी इंकार कर दिया है। मरीज बाहर से दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। कॉलेज प्रशासन ने शासन स्तर से कई बार पत्राचार किया, लेकिन अब तक बजट नहीं मिल सका है।नाम को ही बची हैं दवाएं। यदि शीघ्र ही इंतजाम नहीं हुआ तो मरीजों की जान पर बन सकती है। सितंबर के शुरूआती सप्ताह से ही बजट खत्म हो गया था। इसके बाद उधारी पर दवाओं की खरीद शुरू की गई थी। नियमानुसार कुल बजट का दस फीसदी ही उधार दवाएं खरीद सकते हैं, जिसकी सीमा भी अब पूरी हो चुकी है। ऐसे में अब मेडिकल कॉलेज दवाएं भी खरीद नहीं सकता। दूसरी तरफ, शासन स्तर से रेट कांट्रेक्ट होने वाली कंपनियों ने भी दवाएं देने से साफ इंकार कर दिया है। उनका लगभग 38 लाख रुपये मेडिकल कॉलेज पर बकाया है। अब ओपीडी, वार्ड और इमरजेंसी के मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही हैं। अब हाल यह है कि डॉक्टर बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। गरीब मरीजों का क्या होगा???
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