नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की घोषणा किसी भी समय की जा सकती है साथ साथ हरियाणा, झारखंड, जम्मू कश्मीर राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होंगे। लोकसभा मे भाजपा को बहुमत से दूर रखने में सफ़ल रहा इंडिया गठबंधन राष्ट्र के बाद महाराष्ट्र के चुनावों में महाविकास आघाड़ी के लिए प्रचार में उतरने की तैयारी कर रहा है। शरद पवार के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं। इंडिया ब्लॉक का महाराष्ट्र के मैदान में उतरना भाजपा के लिए काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकता है क्योंकि विधानसभा का जनादेश MVA के पक्ष में नज़र आ रहा है। सूबे की राजनीति मे में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उनके द्वारा किए धरे के लिए कोसा जा रहा है। 2014 – 2019 के दौरान देवेंद्र फडणवीस, गिरीश महाजन और चंद्रकांत पाटिल की तिकड़ी ने व्यक्ति केंद्रित सरकार चलाई। देवेंद्र फडणवीस ढाई साल पहले उद्धव ठाकरे की सरकार नहीं गिराते तो आज़ आगामी पांच सालों के लिए महाराष्ट्र में स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनती।
M2D2 फार्मूला: विधानसभा के लिए MVA मराठा – मुस्लिम, धनगर – दलित फार्मूले पर काम कर रही है। उत्तर प्रदेश में जबरदस्त हिट PDA की तर्ज पर राज्य में M2D2 को फ्रेम किया जा रहा है। भाजपा के पास लाडली बहना योजना के माध्यम से कुल आबादी के आधी आबादी से वोट की उम्मीद के साथ OBC, अपर कास्ट, आदिवासी और घुमंतू जनजातियों के वोटों के ध्रुवीकरण की योजना शेष बचती है।
हैवी वेट सीटों पर नज़र: मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण लोकसभा चुनाव में बुरी तरह पिट चुकी भाजपा के 45 विधायक और 8 मंत्री ऐसे हैं जिनकी सीटें खतरे में हैं। इनमें पार्टी के वो स्टार प्रचारक भी शामिल हैं जिनका उनके अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र के बाहर कोई प्रभाव नहीं है और जो कुछ भी प्रभाव है वो धन और सत्ता के बूते बिल्डर लॉबी तक ही सीमित है।
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