मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
मध्य प्रदेश की नई सरकार के पहले बजट से बुरहानपुर जिले को काफी अपेक्षाएं थीं कि भाजपा सरकार इस बजट में बुरहानपुर जिले के बुनकरों किसानों और नौजवानों के लिए पर्याप्त बजट का इंतजाम करेगी। लेकिन इस बजट से जिले को निराशा हाथ लगी है। बुरहानपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष रिंकु टाक ने कहा कि इस बजट से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार बुरहानपुर जिले के बुनकरों और किसानों को भूल गई है। जिले की अर्थव्यवस्था की रीढ़ पावर लूम उद्योग को अपने कंधों पर संभाले बुनकरों को अपेक्षाएं थीं कि बजट में उन्हें बिजली बिलों में सब्सिडी प्रदान की जाएगी और नई मशीन स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
जिले का केला उत्पादक किसान लंबे समय से फसल आधारित बीमा की मांग प्रदेश सरकार से कर रहा है लेकिन बजट में इस तरफ भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है जबकि प्राकृतिक आपदाओं से केला उत्पादक किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होते जा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता शेख रुस्तम ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा ,बुरहानपुर जिले को केला अनुसंधान केंद्र की बड़ी आवश्यकता है क्योंकि केला बुरहानपुर जिले की मुख्य फसल है लेकिन सरकार ने इस तरह भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है। पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने पीएम किसान सम्मन निधि में अतिरिक्त ₹4000 देने का वादा किया था । लेकिन किसानों को भी उक्त राशि प्रदान नहीं की जा रही है। कुल मिलाकर कर्ज पर आश्रित इस सरकार का यह बजट बहुत ही साधारण और निराश करने वाला है। उक्त जानकारी जिला कांग्रेस कमेटी बुरहानपुर के प्रवक्ता शेख़ रूस्तम ने दी।
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