वसई-विरार में डेंगू-मलेरिया का कहर जारी, मनपा आयुक्त व स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप | New India Times

साबिर खान/सुहेल फारूकी, वसई-विरार (महाराष्ट्र), NIT; ​वसई-विरार में डेंगू-मलेरिया का कहर जारी, मनपा आयुक्त व स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप | New India Timesवसई-विरार मनपा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण डेंगू-मलेरिया जैसे जानलेवा बीमारियों का प्रकोप बढता जा रहा है।​वसई-विरार में डेंगू-मलेरिया का कहर जारी, मनपा आयुक्त व स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप | New India Timesमिली जानकार के मुताबिक़ वई-विरार शहर में डेंगू-मलेरिया तेजी के साथ फैल रहा है। बताया जा रहा है कि दर दिन दर्जनों बच्चेसइस जानलेवा बीमारी का शिकार हो रहे हैं और कई बच्चों की जाने भी जा चुकी हैं। मनपा द्वारा इन बीमारियों के इलाज और बचाव की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। इन बीमारियों से पीडित लोगो को मुंबई व प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड रहा है। सही इलाज समय पर न होने से कई जानें जा चुकी हैं। ​​वसई-विरार में डेंगू-मलेरिया का कहर जारी, मनपा आयुक्त व स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप | New India Timesशहर में जगह – जगह पर कचरों का ढेर पडा रहने व गंदा पानी जमा होने, नाले-नाबदान खुला रहने के कारण मच्छरों की संख्या तेजी के साथ बढ रही है और लोग मच्छरों के काटने संक्रमित हो रहे हैं लेकिन इस  ओर न मनपामनपा आयुक्त सतीश लोखन्डे ध्यान दे रहे हैं और न ही स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ​वसई-विरार में डेंगू-मलेरिया का कहर जारी, मनपा आयुक्त व स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप | New India Timesनगर वासियों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का साफ सफाई व दवा के छिडकाव पर ध्यान न हो कर दुकानदारों व कंपनी कारखाने वालों से अवैध वसूली पर ज्यादा तवज्जो है।  वसई विरार शहर महानगर पालिका हद में अरोग्य विभाग द्वारा न तो दवाओं का छिड़काव सही से हो रही और न साफ सफाई ठीक से की जा रही है, केवल दिखावे के लिए खानापूर्ति कर दी जाती है।​वसई-विरार में डेंगू-मलेरिया का कहर जारी, मनपा आयुक्त व स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप | New India Timesजानकारी के अनुसार पेल्हार महानगर पालिका प्रभाग ‘फ ‘ के अंर्तगत सबसे ज्यादा लापर्वाही देखने को मिल रही है।यहां जगह जगह पर कचरों का ढेर पडा रहता है जिसे हफतों तक उठाया नहीं जाता है। वाकन पाडा के ऐके कम्पाउन्ड, चौधरी कम्पाउन्ड, बाटली कम्पाउन्ड में केमिकल्स से धुले गऐ पानी व  कचरा रास्ते में ही पडा रहता है साथ ही तबेलों का गन्दा पानी भी बहता रहता है। बताया जाता है कि तबेलों से ही सबसे ज्यादा मच्छरों की पैदावार होती है जहां पर दवे का कोई छिडकाव नहीं किया जा रहा है। 


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