पवन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:
कटरा से माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन कर लौट रहे एक परिवार के दो माह के बच्चे का चलती ट्रेन में अपहरण हो गया। यह वारदात ग्वालियर से डबरा स्टेशन के बीच गत छह व सात अप्रैल की दरमियानी रात हुई। बच्चे का अपहरण होने पर ट्रेन में हड़कंप मच गया। बच्चे के माता-पिता जब मामला दर्ज कराने के लिए जीआरपी थाने पहुंचे, तो पहले उन्हें टाला जाता रहा। बाद में जीआरपी ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। जीआरपी को सूचना मिली है कि इंदौर जीआरपी को एक दंपती ने लावारिस हालत में मिला दो माह का बच्चा सौंपा है। ऐसे में फरियादी सहित जीआरपी की एक पार्टी को इंदौर रवाना किया गया है। इस मामले में जीआरपी के अधिकारी कुछ भी साफ-साफ बताने से बच रहे हैं।
वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जा रहे थे
जानकारी के मुताबिक छतरपुर निवासी 27 वर्षीय उमेश कुमार अपनी पत्नी और दो माह के बच्चे के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए गए थे। वे कुछ दिन पहले वैष्णो माता के दर्शन करने के लिए पत्नी और दो माह के बेटे के साथ गए थे। दर्शन करने के बाद वे छह व सात अप्रैल की दरमियानी रात को मालवा एक्सप्रेस के एस-2 कोच में सवार होकर लौट रहे थे।
उनकी बर्थ नंबर 13 और 14 थे। कटरा स्टेशन से वह ट्रेन में सवार हुए, तो कुछ दूर पहुंचने पर उनकी पत्नी को पेट दर्द की शिकायत हुई। ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी को दवा खिलाई और बच्चे को पत्नी के साथ ही सुला दिया। वे स्वयं दूसरी बर्थ पर लेट गए। तड़के जब डबरा स्टेशन के पास उसकी नींद खुली, तो देखा कि पत्नी सो रही है और बच्चा गायब है। बच्चे को गायब देखकर उन्होंने शोर मचाया, तो जीआरपी के जवान पहुंचे और बच्चे को तलाशना शुरू किया। बच्चे का पता न चलने पर जीआरपी थाने आकर मामला दर्ज कराया।
जीआरपी ने मामले की जांच शुरू की। इसी बीच पता चला है कि इंदौर में एक दंपती ने जीआरपी को लावारिस हालत में मिला एक बच्चा सौंपा है।
ऐसे में तत्काल ही पार्टी को इंदौर रवाना किया गया है। जीआरपी थाना प्रभारी पंकज दीवान का कहना है कि इंदौर में बच्चा मिलने की सूचना पर टीम रवाना की गई है। वहां पहुंचने पर पता चलेगा कि यह वही बच्चा है या नहीं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.