रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
स्थानीय नगर निवासी आजाद चौक मेघनगर रईस खान बागवान की 07 वर्षीय बेटी आयत बागवान ने अपने जीवन के पहले रोजे रखने की शुरुआत की सुबह सेहरी से लेकर शाम को इफ्तार तक भूख-प्यास की शिद्दत बर्दाश्त करते हुए पांच वक्त की नमाज़ अदा की।
माहे रमजान के पवित्र रमजान माह और हर मुस्लिम पुरुष व महिला एक माह तक रोजा रखकर इबादतों में मश्गूल हैं।
शबे कद्र की रात जागरण की रात आज बड़ा रोज़ा रहेगा
बड़े बुजुर्ग महिलाए एवं नौजवान इस माह में रोजा रखकर अल्लाह की इबादत में मशगूल हैं इसी को देखते हुए बच्चों के मन में भी विचार रहता है। इसी के तहत इस वर्ष रमज़ान माह का अपने जीवन का पहला रोजा रखने का गौरव आयत रईस बागवान ने हासिल किया है। 15 घंटे से भी अधिक समय तक भुख-प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त कर रोजा रख कर दिन भर अल्लाह की इबादत में मशगूल रही साथ ही देश में अमन चैन सुकुन और शांति की दुआएं करती रही। माहे रमज़ान में नन्हें बच्चे एवं बच्चियां भी रोजा रख और इबादत करने को लेकर रिश्तेदार परिजनों सहित आसपास के लोगों ने भी काफी खुशी ज़ाहिर की।
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