हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ आदिनाथ दीक्षा एवं जन्म कल्याणक महोत्सव, जैन धर्म की मान्यता है की आदमी आत्मा से परमात्मा बन जाता है: साध्वी श्री उर्मिला जी | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

झकनावदा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी झकनावदा श्री केशरियानाथ जैन मंदिर के जिर्णोद्वारक पुण्य सम्राट आचार्य भगवंत जन जन की आस्था के केंद्र परम पूज्य श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वर जी महाराज साहब की पावन प्रेरणा से मनाई जाने वाला जैनियों का महापर्व भगवान श्री आदिनाथ का दीक्षा एवं जन्म कल्याणक महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

नगर में निकाला बैंड बाजे बग्गी के साथ वरघोड़ा

राजगढ़ से जय जिनेन्द्र ग्रुप के तत्त्वाधान में निरंतर 26 वर्षों से पैदल श्री संघ झकनावदा सैकड़ों यात्रियों के साथ दादा आदिनाथ के दर्शन को आता है। पैदल संघ की आगवानी में झकनावदा सकल जैन श्री संघ ने बैंड बाजे बग्गी में भगवान का चित्र विराजमान कर के राजगढ़ मार्ग पहुंचा व आगवानी की। जहां जसकरण मन्नालाल कोठारी परिवार ने समस्त यात्रियों को ठंडाई का वितरण कर लाभ लिया। रायपुरिया श्री पैदल संघ मधु कन्या नदी के तट से शामिल हुआ। बाद वरगोघा गणेश मंदिर, गायरी मोहल्ला, मिस्त्री मोहल्ला, सदर बाजार होते हुए मंदिर परिसर पहुंचा। जहां वर वरगोघा सभा में तब्दील हुआ।

मंगला चरण के साथ हुआ आयोजन का श्री गणेश

मंदिर परिसर में पहुंच कर समस्त यात्रियों ने भगवान के दर्शन पूजन किए। बाद तेरापंथ धर्मसंघ की साध्वी श्री उर्मिला श्रीजी आदि ठाणा ने मंगलाचरण कर आयोजन को आगे बढ़ाते हुए भगवान श्री आदिनाथ के जीवन पर प्रकाश डाला व श्रावको को बताया कि जैन धर्म की मान्यता है कि आदमी आत्मा से परमात्मा बन सकता है। इसलिए धर्म से जुड़े और अपनी आत्मा को शुद्ध कर परमात्मा की भक्ति करे। और अपने जीवन का उद्धार करे।

इनका हुआ बहुमान

जय जिनेंद्र ग्रुप राजगढ़, रायपुरिया श्री संघ के प्रमुख मनोहरलाल राठौर,पारस कुमार- बसंती लाल राठौर परिवार रायपुरिया,पूर्व राज्य सभा सांसद मेघराज जैन,मोहनखेड़ा तीर्थ ट्रस्टी सुजानमल सेठ सहित आसपास के बड़ी संख्या में आए श्री संघ के प्रमुखों का झकनावदा ब्रह्तपोगच्छीय मूर्ति पूजक त्रिस्तुक जैन श्री संघ की ओर से मंदिर व्यवस्थापक निर्मल कुमार मंडोत, श्री आदिनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष कनकमल मांडोत के द्वारा सभी संघ से पधारे प्रमुखों का माला पहनाकर बहुमान किया गया। इसके बाद राजगढ़ से पधारी महिला मंडल द्वारा मंदिर के अंदर स्नात्र पूजा पढ़ाई गई। भगवान की आकर्षक अंग रचना मनीष कुमट एवं शुभम सेठिया द्वारा की गई। इसके साथ ही स्वामीवात्सल्य कभी आयोजन किया गया । संपूर्ण आयोजन का सफल मंच संचालन मितेश कुमट ने किया। आभार निर्मल मांडोत ने माना। उक्त जानकारी अखिल भारतीय श्री राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद के प्रांतीय सह मीडिया प्रभारी मनीष कुमट ने दी।


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