नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र में भाजपा वर्तमान मंत्रियों को लोकसभा के मैदान में उतरेगी इस डर से कई नेताओं ने रण छोड़ कर अपने विधानसभा सीट के अंदर खुद की छबि का दास बने रहना पसंद किया। जलगांव और रावेर सीट से पार्टी ने महिलाओं को मौका दिया। रक्षा खडसे की तिसरी टर्म को भाजपा के भीतर से विरोध शुरू हो गया है यह किस के इशारे पर शुरू करवाया गया है इसका इनपुट शीर्ष नेतृत्व के पास होगा। 2019 के चुनाव में प्रचार के दौरान खडसे के काफ़िले पर जामनेर ब्लॉक में पत्थरबाजी हुई थी। तब उनके ससुर एकनाथ खडसे भाजपा में थे। आज NCP (शरदचंद्र पवार) में हैं।
एकनाथ खडसे के बूते बीते तीस साल से रावेर सीट भाजपा के क़ब्ज़े में रही है। गिरीश महाजन जलगांव जिला भाजपा के सब कुछ है बावजूद इसके आम जनता के मन में खडसे परिवार के लिए एक किस्म का आदर भाव बरकरार है। शायद इसी के कारण खडसे विरोधियों की ओर से रक्षा खडसे को निशाना बनाया जा रहा होगा। एकनाथ खडसे साफ कर चुके हैं की रावेर में खडसे बनाम खडसे लड़ाई नहीं होगी। इस का मतलब खडसे परिवार साथ मिलकर किसी एक दल के लिए प्रचार करेगा क्या ? भाजपा रावेर सीट पर अपना प्रत्याशी बदलने जा रही है अगर ऐसा हुआ तो एकनाथ खडसे की महिमा को तोड़ पाने का तिलिस्म किसी में है तो वो सिर्फ़ और सिर्फ़ गिरीश महाजन में है। राजनीति के जानकार तो इस बात से हैरान हैं कि रावेर का गणित बिठाने के दौरान मोदी-शाह की जोड़ी गिरीश महाजन को बतौर प्रत्याशी के रूप में देखना कैसे भुल गई। जलगांव सीट की उम्मीदवार स्मिता वाघ का टिकट रहेगा या कटेगा यह इस बात पर निर्भर करता है की विपक्ष का चेहरा कौन होगा। उत्तर महाराष्ट्र की 3 सीटों पर 13 मई को वोटिंग होनी है नामांकन प्रक्रिया शुरू होने में पूरा एक महीना शेष है। इस एक महीने के बीच सीट शेयरिंग से लेकर कैंडिडेट्स के अदला बदली जैसे मामलों में कुछ भी हो सकता है। आज मुंबई में NCP (SP) की संसदीय बोर्ड की बैठक है, बोर्ड में एकनाथ खडसे और उनकी सुपुत्री रोहिणी खडसे को मेंबर बनाया गया है। NCP (SP) की ओर से रावेर सीट का प्रत्याशी घोषित हो सकता है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.