मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बुरहानपुर श्री राजकुमार भद्रसेन द्वारा न्यायालय के आदेश के बाद भी कुर्क संपत्ति न्यायालय के सुपुर्द नहीं करने के मामले में महेन्द्र पिता अशोक चौहान को धारा 406 भादवि में 1 वर्ष सश्रम कारावास एवं 2000/- का अर्थदण्ड से दंडित किया गया। सहा.जिला अभियोजन अधिकारी बुरहानपुर श्री सुनील कुरील ने बताया कि न्यायालय द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश बुरहानपुर में लंबित क्लेम प्रकरण में न्यायालय द्वारा एक हीरो होण्डा कम्पनी की मोटर सायकल को कुर्क कर सुपुर्ददार महेन्द्र पिता अशोक निवासी फोपनार को सुपुर्दगी पर दी गई थी।
किंतु उक्त वाहन को न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश के बाद भी सुपुर्द दार द्वारा कुर्क शुदा सम्पत्ति न्यस्त होते हुए न्यायालय के आदेश के पालन में प्रस्तुत नहीं करने से सुपुर्ददार के द्वारा भादवि धारा 406 का अपराध किया जाना होने दर्शित होने से न्यायालय के आदेश पर अभियुक्त महेन्द्र के विरूध्द अपराध क्रमांक 404/18 धारा 406 भादवि का पंजीबध्द करते हुये अनुसंधान में लिया। अनुसंधान के दौरान अभियुक्त महेन्द्र द्वारा बताया गया कि सुपुर्दगी पर प्राप्त वाहन मोटरसायकल को उसके द्वारा शोरूम से एक्सचेंज कर दी गयी है तथा लंबित क्लेम की राशि 35500 रूपये न्यायालय में जमा कर दी गई है।
विवेचना उपरांत थाना प्रभारी के माध्यम से धारा 173(2) द.प्र.सं. के अंतर्गत न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।प्रकरण में शासन की ओर से सफलता पूर्वक पैरवी सहा. अभियोजन अधिकारी श्री सुनील कुरील द्वारा की गई जिसके पश्चात न्यायालय द्वारा महेन्द्र पिता अशोक चौहान को धारा 406 भादवि में 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं 2000/- का अर्थदंड से दंडित किया गया।
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