नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

जलगांव जिले के जामनेर-पाचोरा ब्लॉक्स की खेती की पूर्णकालीन सिंचाई में अहम योगदान देने वाली वाघुर डैम लिफ्ट योजना में बनने वाले तालाबों की चेन का जामनेर तहसील क्षेत्र के चारों कोनों में चरणबद्ध तरीके से राजनीतिक स्तर पर भूमिपूजन वगैरा करवाया जा रहा है। इस कार्यक्रम की हम कोई पुष्टी इस लिए नहीं करते क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की ओर से किए जा रहे इस इवेंट्स से मिडिया को आधिकारिक तौर पर अवगत नहीं कराया गया है। ख़बर में वाघुर प्रकल्प के बैनर तले प्रकाशित A4 साइज ज्ञान-संज्ञान पत्र में लिखा है कि लिफ्ट योजना नंबर 1, 2 अंतर्गत 3810 तालाब + उनको जोड़ने वाली भूमिगत प्रणाली और 146 मे 47 गादरोधी सीमेंट गतिरोधों का शुभारंभ मंत्री गिरिश महाजन के करकमलों से होगा।

विदित हो कि इस पत्र को वाघुर विभाग ने आधिकारिक रुप से जारी नहीं किया है। विभाग के एक अफ़सर ने New India Time’s को इसकी PDF मुहैय्या कराई है। मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली UPA Government के समय 2011 में 250 करोड़ रुपए से मंजूर वाघुर लिफ्ट योजना के वाटर लिफ्ट योजना का काम पुरा हो चुका है। वाघुर डैम लाभक्षेत्र से पानी को पंप से उठाकर पाइप के जरिए 50 से अधिक गांव में प्रस्तावित तलाब भरे जाने हैं। राज्य सरकार ने 3810 तालाबों के निर्माण के लिए 2024 के अंतरिम बजट में 2288.31 करोड़ रूपए मंजूर करवाए है। तालाबों के निर्माण के लिए वाघुर विभाग, कृषि विभाग और किसानों के बीच किए गए अथवा किए जा रहे अनुबंध आज भी निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा बने हुए हैं।
हमनें इस विषय के बारे में NIT में अनेको स्टोरीज की है। प्रोजेक्ट स्टेट्स को लेकर आज तक वाघुर विभाग ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। राजनीतिक स्तर पर भाजपा की ओर से जितनी ब्रीफिंग हुई उसके जवाब मे विरोधी दलों ने कोई खुली प्रेस नहीं बुलाई। अनुसंधानित प्रशासनिक मान्यता (सुप्रमा) का 2288.31 करोड़ रूपया कहा? से कैसे? कब? उपलब्ध होगा इसके बारे में सरकार ने सदन में कुछ नहीं बताया। आम टैक्स पेयर्स जनता तक सही सूचना पहुंचे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आए इस लिए इस प्रोजेक्ट का राजनीतीक मार्केटिंग करने के बजाय सार्वजनिकरण पर ध्यान देना आवश्यकता है।
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