गुलशन परूथी, ब्यूरो चीफ, दतिया (मप्र), NIT:
प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर में दिनांक 16 फरवरी 2024 को पीपल अर्थ एच.आर क्लब के द्वारा कैंपस टू कॉर्पोरेट: मास्टरिंग द ए.बी.सी. विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर प्रबंधन के छात्र-छात्राओं को सॉफ्ट स्किल की महत्वता एवं उसका कैसे किया जाये, को बताना रहा।
संस्थान के निदेशक डॉ. निशांत जोशी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं को जीवन में आगे बढ़ने के लिए सॉफ्ट स्किल सर्वोपरि है, क्योंकि यह स्किल्स पेशेवर दुनिया में सफलता के लिए महत्वपूर्ण पारस्परिक क्षमताओं के साथ तकनीकि ज्ञान को पूरक करते हैं तथा इसके माध्यम से छात्र एवं छात्राएं बातचीत की दक्षता, अनुकूलन क्षमता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता प्रबंधकों को चुनौतियों से निपटने और ग्राहकों, सहकर्मियों और हितधारकों के साथ कुशलता से बातचीत करने में सक्षम बनाती है।
संस्थान की सह निदेशिका डॉ. तारिका सिंह सिकरवार ने छात्र-छात्राओं को सॉफ्ट स्किल्स का महत्व बताते हुए कहा कि एक गतिशील कारोबारी माहौल में जटिल परिस्थितियों से निपटने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी संचार, नेतृत्व, टीम वर्क और समस्या समाधान कौशल अपरिहार्य है।
इस वर्कशॉप की रिसोर्स पर्सन डॉ. प्रिया अरोरा ने छात्र-छात्राओं को कैंपस टू कॉर्पोरेट रेडी होने के लिए सॉफ्ट स्किल्स को विकसित करने के तरीके बताए। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं को इसके माध्यम से संचार, टीमवर्क, समय-प्रबंधन अनुकूलन शीलता, समस्या समाधान, नेटवर्किंग, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, व्यवसायिकता निरंतर सीखना एवं आत्मविश्वास के क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करके अपनी सॉफ्ट सिकल्स को प्रभावी ढंग से तैयार कर सकते हैं और कॉर्पोरेट जगत के लिए तैयार हो सकते हैं।
यह वर्कशॉप पीपल अर्थ एच.आर. क्लब प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान के पीपल एच.आर. क्लब द्वारा आयोजित किया गया। इस दौरान एच.आर. क्लब की समन्वयक सह प्राध्यापिका ईशा गोले ने बताया कि यह वर्कशॉप छात्र-छात्राओं को कॉर्पोरेट जगत के लिए अपनी सॉफ्ट स्किल्स को विकसित करने के लिए किया गया था।
उन्होंने बताया कि यह स्किल्स छात्र-छात्राओं को नेतृत्व की भूमिका में आगे बढ़ने, नवाचार लाने और सकारात्मक संगठनात्मक संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
उन्होंने बताया कि संस्थान के ही 300 छात्र-छात्राओं ने इस वर्कशॉप में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वर्कशॉप के दौरान डॉ. गरिमा माथुर, डॉ. रिचा बैनर्जी, डॉ. आम्रपाली सप्रा एवं सह प्राध्यापिका भारती गोले उपस्थित रहीं।
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