अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान मथुरा के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मथुरा द्वारा आज गांव- गढी दद्दी, विकासखंड-चौमुहां में गांव स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव, निदेशक प्रसार प्रोफेसर अतुल सक्सेना, केंद्र प्रभारी डॉक्टर वाई. के. शर्मा के दिशा निर्देशन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गांव के प्रगतिशील कृषक श्री छत्रपाल द्वारा की गई।
कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर रविंद्र कुमार राजपूत ने किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में बताया, कि किसान भाई अपने खेत की पराली अथवा किसी भी तरह के फसल अवशेषों को खेत में मिलायें, किसी भी तरह के फसल अवशेषों में कभी बिल्कुल भी आग न लगायें। फसल अवशेषों को खेत में मिलने से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती है, सूक्ष्मजीव बढ़ते हैं तथा जीवांश कार्बन की मात्रा भी बढ़ती है जो अच्छी पैदावार का द्योतक है।
किसानों को बताया कि अपने खेत में अच्छी पैदावार लेने के लिए गोबर की खाद, नाडेप कंपोस्ट, फार्म यार्ड मैन्योर एवं अन्य फसल अवशेषों से बनी हुई खाद का उपयोग करें जिससे खेत के अंदर सभी पोषक तत्वों की पूर्ति हो तथा खेत की उपजाऊ शक्ति बढती है व पैदावार की गुणवत्ता भी बढाती है। कृषि विभाग के बी.टी.एम. श्री वेद प्रकाश द्वारा किसानों को विभाग द्वारा चलाई जा रही योजना, अनुदान, प्रधानमंत्री सम्मान निधि, फसल बीमा योजना एवं बहुत सी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गांव के कृषक श्री प्रताप सिंह लखन कृष्ण भगत सिंह श्याम सिंह मोहन सिंह मानवेंद्र पीतम सिंह रतन सिंह भॊजपाल कलुआ उदयवीर ओमपाल राधा कृष्ण आदि सबसे अधिक किसानों ने गोष्ठी में भाग लिया।
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