मीडियेटर को सभी पहलुओं पर विचार कर अपने ज्ञान व अनुभव के आधार पर प्रकरणों का निराकरण करना चाहिए: प्रधान जिला न्यायाधीश श्री गुप्ता | New India Times

गुलशन परूथी, ग्वालियर (मप्र), NIT:

न्यायालयों में प्रकरणों की बढ़ती हुई संख्या को ध्यान में रखकर मीडियेशन के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के लिए यह तंत्र तैयार किया गया है। प्रशिक्षित मीडिएटर द्वारा पक्षकारों के मध्य विवादों को समझकर और उनका विश्लेषण कर आपसी समझाईश से प्रकरणों को निराकरण करने का प्रयास किया जाता है। इसलिए मीडियेटर को समुचित प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। प्रशिक्षण के माध्यम से ही दो पक्षकारों के मध्य मध्यस्थता करने की सहज प्रक्रिया समझाई जाती है, जिससे मीडिएटर प्रकरण को अच्छी तरह समझकर और विवाद के वास्तविक कारण को जानकर सरलता से प्रकरण को सौहार्द पूर्ण तरीके से निराकृत कर सकें। इस आशय के विचार प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री पी सी गुप्ता ने व्यक्त किए।

प्रधान न्यायाधीश श्री गुप्ता मीडिएशन एंड कंसिलेशन प्रोजेक्ट कमेटी सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली द्वारा मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में अधिवक्ताओं के लिये आयोजित किए जा रहे प्रशिण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 से 9 फरवरी तक रेडिऐंस होटल में आयोजित हो रहा है।

लगभग 40 घंटे के मीडियेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ सत्र में प्रधान न्यायाधीश श्री गुप्ता ने कहा कि मीडियेटर को प्रकरण को मीडियेशन के माध्यम से निराकृत करते समय प्रकरण के सभी पहुलओं पर विचार करते हुए अपने ज्ञान, अनुभव एवं प्रशिक्षण का इस्तेमाल करना चाहिए।

इस अवसर पर एम सी पी सी सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली की प्रशिक्षक श्रीमती नीना खरे, श्री अशोक कुमार रे, श्रीमती गिरिबाला सिंह, श्री शाहिद मोहम्मद व जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दीपक शर्मा सहित अधिवक्ता गण व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से 25-25 अधिवक्ताओं के दो बैचों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

प्रथम बैच को एमसीपीसी की प्रशिक्षक श्रीमती नीना खरे व श्री अशोक कुमार रे तथा द्वितीय बैच को एमसीपीसी सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली के प्रशिक्षक श्रीमती गिरिबाला सिंह व श्री शाहिद मोहम्मद द्वारा मध्यस्थता तकनीकी की बारीकियाँ सिखाईं। साथ ही मध्यस्थ द्वारा अनुसरित की जाने वाली प्रक्रिया, मध्यस्थता के लिए उपयुक्त प्रकरण आदि विषय पर भी विस्तृत प्रशिक्षण दिया जायेगा।


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