भाण्डवपुर प्रतिष्ठा महोत्सव में 5 फरवरी को होगा आचार्य एवं साधु-साध्वियों का प्रवेश | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:

भाण्डवपुर महातीर्थ में तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठोत्सव का आयोजन पुण्य-सम्राट जयन्तसेनसूरीश्वर म. सा. के पट्टधरद्वय गच्छाधिपति नित्यसेनसूरीश्वर एवं भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक आचार्य जयरत्नसूरीश्वर म. सा. आदि विशाल श्रमण-श्रमणिवृन्द की शुभ निश्रा में विविध धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों के साथ 5 से 20 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है।

5 फरवरी को होगा आचार्य एवं साधु-साध्वियों का प्रवेश

प्रतिष्ठोत्सव समारोह के दौरान सोमवार को जैनाचार्य नित्यसेन सूरीश्वर म सा, आचार्य जयरत्न सूरीश्वर म सा के साथ साधु-साध्वियों का मंगलमय प्रवेश होगा। प्रतिष्ठोत्सव के निमित्त सम्पूर्ण तीर्थ परिसर को विशेष रूप से सुसज्जित किया गया है और प्रत्येक आयोजन हेतु विभिन्न समितियाँ बनाई गई है जो सेवा-समर्पण के साथ अपनी सेवाएँ प्रदान करेंगी। सम्पूर्ण आयोजन महावीर जैन श्वेताम्बर पेढ़ी (ट्रस्ट), वर्धमान-राजेन्द्र जैन भाग्योदय ट्रस्ट (संघ), तत्त्वत्रयी प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के द्वारा सम्पादित होगा। प्रतिष्ठोत्सव में अनेक प्रशासननिक अधिकारी, सामाजिक संगठनों के गणमान्य पदाधिकारियों का भी आगमन होगा।

होगे ये कार्यक्रम कार्यदक्ष मुनिराज आनन्दविजय म. सा. ने बताया कि महोत्सव के प्रथम दिन 5 फरवरी को तीर्थ परिसर में प्रतिष्ठा निमित्त कुम्भ स्थापना, दीपक स्थापना, जलयात्रा, ज्वारारोपण, जैनाचार्य एवं साधु-साध्वियों का रजत कलश से ऐतिहासिक भव्य सामैया, हाथी, घोड़ा, बग्गी, बैण्ड, ढोल वाद्य यन्त्रों के साथ विभिन्न कलाकारों की आकर्षक प्रस्तुतियों द्वारा तीर्थ द्वार पर पहुँचेगा।

जहाँ गहुँली कर अक्षत से बधाने के साथ प्रतिष्ठा निमित्त बनी क्षत्रियकुण्ड नगरी (राजसभा), भरतपुर नगरी (भोजन मण्डप), अभिनन्दन मण्डप (बहुमान कक्ष), पावापुरी नगरी (आवास), महावीर मण्डप (अंजनशलाका क्रिया मण्डप) का लाभार्थी परिवारों द्वारा भव्य उद्घाटन किया जाएगा। इसी दिन दोपहर में पार्श्वनाथ पंचकल्याणक पूजा पढ़ाई जाएगी व घर-घर तोरण बान्धे जाएँगे। प्रातः नवकारसी मुहूर्त्त उद्घोषणा लाभार्थी की ओर से, दोपहर की नवकारसी जाजम लाभार्थी की ओर से एवं सायं की नवकारसी भगवान के मुनीम के लाभार्थी परिवार की ओर से होगी।
आयोजन में लाभार्थी परिवार की ओर से प्रभावना, परमात्मा एवं गुरु प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना एवं प्रभु भक्ति एवं रोशनी भी होगी।


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