मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल बीएलओ का हुआ सम्मान, EVM और VVPAT के डेमो से किया गया प्रबोधन, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 12 फ़रवरी से लागू हो सकती है आचार संहिता | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल बीएलओ का हुआ सम्मान, EVM और VVPAT के डेमो से किया गया प्रबोधन, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 12 फ़रवरी से लागू हो सकती है आचार संहिता | New India Times

12 फरवरी 2024 से पूरे भारत में लोकसभा आम चुनाव की आदर्श आचार संहिता घोषित की जा सकती है। चुनाव आयोग के निर्देश पर राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उपलक्ष्य में राजस्व विभाग की ओर से EVM और VVPAT जनजागृति के कार्यक्रमों का आयोजन तेज़ कर दिया गया है। GDM Art’s KRN Commerce and MD science कॉलेज प्रांगण में EVM और उससे जुड़ी VVPAT (voter verifiable paper audit trail) मशीन के कार्यचालन को लेकर डेमोग्राफी के माध्यम से नव मतदाताओं के बीच प्रबोधन किया गया। उपजिलाधिकारी अर्चना मोरे के समक्ष जामनेर राजस्व प्रमुख नानासाहब आगले की उपस्थिति में पहल का मंचन किया गया। इस वक्त नूतन मतदाता पंजीकरण कामकाज में अनमोल योगदान देने वाले सरकारी BLOs का सम्मान किया गया। 26 जानवरी 1950 को स्वतंत्र भारत में संविधान के तहत गणतंत्र व्यवस्था लागू हुई थी जिसे प्रजासत्ताक के रूप में मनाया जाता आ रहा है। विवेचना देखिए इसी प्रजासत्ताक भारत में संविधान की धज्जियां उड़ाकर गण के एक राज्य महाराष्ट्र में केंद्र सरकार के संरक्षण में बीते डेढ़ साल से असंवैधानिक सरकार चलाई जा रही है।

मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल बीएलओ का हुआ सम्मान, EVM और VVPAT के डेमो से किया गया प्रबोधन, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 12 फ़रवरी से लागू हो सकती है आचार संहिता | New India Times

इस गैर कानूनी सरकार के राज में नकली राष्ट्रवादियों और कमाई पूतों द्वारा हर स्तर पर अनगिनत गैरकानूनी काम किए जा रहे हैं। जामनेर उपजिला अस्पताल को ही ले लीजिए, अस्पताल की दीवार को किसी ने आधे तक तोड़ दिया बाद में टूटी दीवार को वैसे ही छोड़ दी। आगे 20 लाख की लागत से फायर सिस्टम के वाटर टैंक का काम शुरू है जो आधा रेत और आधा घेसू में किया जा रहा है। NRHM से बना नेत्र चिकित्सा भवन चार साल से धूल खा रहा है अब तक लोकार्पण का पता नहीं। गणतंत्र के भीतर लोकतंत्र की आड़ में धर्म के सहारे दबाव तंत्र ने अपनी जगह बना ली है। विकसित भारत के नाम पर आर्थिक शोषण का संकल्प किया जा रहा है। 2024 का चुनाव कही आखरी चुनाव साबित न हो।


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