इंटरनेट बैंकिंग का वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हैक कर आरटीजीएस के माध्यम से 42 लाख रुपए निकाले जाने के मामले का क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; ​इंटरनेट बैंकिंग का वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हैक कर आरटीजीएस के माध्यम से 42 लाख रुपए निकाले जाने के मामले का क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा | New India Timesभोपाल के मंडीदीप स्थित प्रायवेट फर्म मेसर्स प्रोम्प्ट इंजीनियर्स कंपनी के बैंक ऑफ बड़ौदा खाते से इंटरनेट बैंकिंग का वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हैक कर आरटीजीएस के माध्यम से 42 लाख रुपए निकाले जाने के मामले का बड़ा खुलासा करने में कामयाबी हासिल की है।

साइबर क्राइम एआईजी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने मीडिया को बताया कि बीते 16 सितंबर को मेसर्स प्रोम्प्ट इंजीनियर्स मंडीदीप के मालिक आनंद जैन के बैंक आॅफ बड़ौदा के खाते से अचानक 42 लाख ट्रांसफर कर लिए गए थे। आनंद जैन ने खाते से पैसे निकाले जाने की शिकायत साइबर थाने में की थी। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर विवेचना शुरु की गई। विवेचना के दौरान यह पता चला कि 15 सितंबर की शाम 6 बजे आनंद जैन की बीएसएनएल सिम ब्लॉक हो गई थी। मोबाइल पर नो सर्विस लिखा हुआ आ रहा था। इसके बाद जब आनंद जैन द्वारा बीएसएनएल आॅफिस पहुंचकर पूछताछ की गई, तो उन्हें बताया गया कि उनकी दूसरी बीएसएनएल सिम ईशू की गई है, इसलिए पुरानी सिम को आॅउट आॅफ सर्विस कर दिया गया है। जब आनंद जैन ने बताया कि उन्होंने कोई सिम इशू नहीं करवाई है, तो बीएसएनएल अधिकारी द्वारा वोटर आईडी का फोटो कॉपी दिखाया गया जो सिम रीइशू के दौरान इस्तेमाल किया गया था। लेकिन फार्म में आनंद जैन के वोटर आईडी प्रूफ के साथ किसी अन्य व्यक्ति का भी फोटो लगाया गया था।

 मामले की गंभीरता समझते हुए साइबर पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित कीईगईं। घटना से संबंधित देश के विभिन्न शहरों में आरोपियों की तलाश शुरु की गई। प्रकरण में प्राप्त जानकारी के आधार पर आनंद जैन की बीएसएनएल सिम आॅफिस जाकर इशू कराने वाले आरोपी अनिल पांडे पिता साधुलाल पांडे उम्र 40 वर्ष निवासी शक्ति नगर हबीबगंज भोपाल, को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी अनिल द्वारा बताया गया कि उसने किसी सिकरवार नाम के व्यक्ति के कहने पर आनंद जैन की सिम फर्जी तरीके से इशू करवाई थी। इस काम के ऐवज में अनिल पांडे को 35 हजार रुपए का लालच दिया गया था। इसमें से 20 हजार रुपए पहले ही अनिल को दिए जा चुके थे।

एआईजी चौहान का कहना है कि पूछताछ में अनिल ने दो अन्य आरोपियों के बारे में बताया, जो कि अभी फरार चल रहे हैं। इनमें राजेन्द्र सतनामी और जॉन ब्राउनी के नाम शामिल हैं। फर्जी सिम एक्टिवेट कराने के लिए राजेन्द्र, जॉन ब्राउनी को जबलपुर से भोपाल लेकर आया था। आरोपियों ने जॉन ब्राउनी के फोटो पर ही फर्जी सिम एक्टिवेट कराई थी।

आरोपियों ने आनंद जैन के नाम पर रजिस्टर्ड बीएसएनएल सिम इशू करवा कर एक्टिवेट करवाई। 16 सितंबर को आरोपियों ने आरटीजीएस के माध्यम से आनंद जैन के बैंक आॅफ बड़ौदा के खाते से 42 लाख रुपए ट्रांसफर किए। पैसे ट्रांसफर के समय ओटीपी पासवर्ड आनंद जैन के रजिस्टर्ड बीएसएनएल मोबाइल नम्बर से प्राप्त किया गया।

एआईजी चौहान हैकिंग के बाद फरियादी आनंद जैन से ठगे 42 लाख रुपए की रकम की खपत मदुरई, कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, गुजरात, उत्तरप्रदेश, रीवा आदि में कराई गई। मामले के अन्य आरोपियों की तलाश के लिए साइबर क्राइम पुलिस जुटी है।


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