मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

भाजपा की कद्दावर नेत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी को बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट मिलने की अधिकृत घोषणा होने के बाद से एवं खंडवा संसदीय क्षेत्र के दिवंगत सांसद स्वर्गीय नंद कुमार सिंह चौहान के सुपुत्र एवं भाजपा युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हर्षवर्धन सिंह चौहान को भाजपा का टिकट नहीं मिलने से एवं उनके भोपाल से बुरहानपुर आगमन के पूर्व दिवंगत सांसद की पत्नी श्रीमती दुर्गेश्वरी देवी के बयान के बाद एवं हर्षवर्धन चौहान को रेलवे स्टेशन पर स्वागत करने के लिए जो भीड़ उमड़ी और उसमें युवा नेता हर्षवर्धन सिंह चौहान ने मीडिया के समक्ष जो कुछ भी अपना स्टेटमेंट दिया एवं जो परिस्थितियों निर्मित हुई है उसके कारण बुरहानपुर जिले में सियासी घमासान मचा हुआ है।
शनिवार को युवा नेता हर्षवर्धन सिंह चौहान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। साथ ही उन्होंने यह बताया है कि हर्षवर्धन सिंह चौहान का इलेक्शन है जो बुरहानपुर की जनता उनकी तरफ से चुनाव लड़ रही है। युवा नेता हर्षवर्धन नंदकुमार सिंह चौहान ने दिवंगत पिता स्वर्गीय नंदू भैया का हवाला देते हुए यह भी कहा कि जो बड़े हैं वह अपने आप को नंदू भैया समझ कर मुझे आशीर्वाद प्रदान करें। और जो छोटे हैं वह हर्षवर्धन सिंह चौहान समझकर चुनाव लड़ें। इसी के साथी उन्होंने आज नामांकन जमा करने हेतु नामांकन फार्म भी निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त कर लिया है। जिसकी खाना पुरी कर के वे जल्दी अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक युवा नेता हर्षवर्धन सिंह चौहान को मनाने के लिए उच्च स्तरीय प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन फिलहाल उनके इस क़दम से चतुष्कोणीय मुक़ाबला होने की संभावनाएं नज़र आ रही है। जहां पार्टी में भीतरघात की चर्चा है, वहीं युवा नेता के साथ पार्टी द्वारा दो बार किए गए अन्याय को लेकर स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के गृह ग्राम शाहपुर सहित अनेक ग्रामीण क्षेत्र से व्यापक जन समर्थन युवा नेता हर्षवर्धन सिंह चौहान को प्राप्त होने की संकेत मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति में बुरहानपुर जिले का सियासी मंज़र नामा काफी चौंकाने वाला हो सकता है। भाजपा कांग्रेस और निर्दलीय के अतिरिक्त अल्पसंख्यक कैंडिडेट, एमआईएम, आप पार्टी सहित अन्य घटक दल भी अपने उम्मीदवार उतारने को लेकर आतुर तो हैं लेकिन फिलहाल खामोशी के साथ सभी दल और चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार हालात का जायज़ा ले रहे हैं।