मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
विशेष सत्र न्यायाधीश ने बहुचर्चित जघन्य सनसनीखेज़ बोदरली गिट्टी खदान मामले में काम करने वाले मजदूरों के घर में घुसकर मारपीट कर रूपये, मोबाइल, मंगलसूत्र छीन कर ले जाने वाले एवं मां एवं बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपीगण (1)थावरसिंग पिता फत्तूसिंह उम्र 26 वर्ष निवासी आमगांव (2) सुखलाल पिता भाऊसिंह उम्र 33 वर्ष निवासी आमगांव (3) भूरला पिता बाथू उम्र 28 वर्ष निवासी आमगांव(4) हीरा लाल पिता अनारसिंह उम्र 48 वर्ष निवासी उसारणी (5)नारसिंह पिता छोटुसिंग उम्र 27 वर्ष निवासी नांदुरा खुर्द को धारा- 347 भादवि में 3 वर्ष कारावास एवं 500 रू. अर्थदण्ड , धारा 449 भादवि में 10 वर्ष कारावास एवं 1000 रू. अर्थदण्ड , धारा 395/397 भादवि में 10 वर्ष कारावास एवं 3000 रू. अर्थदण्ड, धारा 376डीबी भादवि में आजीवन कारावास शेष प्राकृत जीवन के लिए एवं 5000 रू. अर्थदण्ड, धारा 376डी भादवि मे आजीवन कारावास शेष प्राकृत जीवन के लिए एवं 5000 रू. अर्थदंड से दंडित किया है।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी/ विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रन्धावे ने बताया कि दिनांक 31-07-2020 को पीड़िता क्रमांक 01 फरियादीया गिट्टी खदान स्थित अपने टीन शेड के मकान में खटिया पर साथ में सो रहे थे। पीड़िता क्रमांक 02 नाबालिक बालिका भी अलग खटिया पर अंदर ही सो रही थी। कमरे की लाईट बंद थी लेकिन आस पास के लाईटो की रोशनी के कारण हल्का उजाला कमरे में था तभी अचानक से खटर पटर की आवाज़ सुनाई दी तो नींद खुली रात के करीबन 12:30 बजे होंगे, तो देखा की 6 लोग जिनमें से कुछ के हाथ में चाकू तथा कुछ के हाथ दराती व कुछ के पास लकड़ी तथा रस्सी थी कुछ लोगों का मुंह कपडे एवं मास्क से ढका हुआ था उनमे से कुछ लोगों ने पीड़िता क्रमांक 01 के पति से पैसों की मांग कर उनके साथ मारपीट की तो वह जोर जोर से चिल्लाने लगे। उन्होंने पीड़िता क्रमांक 01के पति को बोला कि चिल्ला मत नहीं तो जान से माद देंगे। फिर उनको पकड़ कर उनके हाथ पैर को मिलाकर रस्सी से बांध दिया। उन्होंने पीड़िता क्रमांक 01 पति से डब्बे में मजदुरी से कमाए हुए 2500 ₹ निकाल लिए। फिर पीड़िता क्रमांक 01 चिल्ला चोट करने लगे तो उन्होने चाकु दिखाकर चुप चाप पड़े रहने का बोल, चिल्लाने की आवाज़ सुनकर पड़ोस में रहने वाला उनके घर में आया तो उसके साथ भी उन लोगो ने मारपीट की तथा उसके भी हाथ बांधकर उसको पीड़िता क्रमांक 01 पति के पास पटक दिया।
फिर उन में से चार लोगों ने पीड़िता क्रमांक 01 तथा पीड़िता क्रमांक 02 नाबालिक बालिका को खींच कर बाहर ले गये तथा दो लोग पीड़िता क्रमांक 01 के पति के पास ही चाकू लकडी लेकर खडे रहे । फिर उन चार लोगों मे से दो लोग पीड़िता क्रमांक 02 को खीचकर पास के खेत में ले गये तथा दो लोग पीड़िता क्रमांक 01 पास के गड्डे में ले गये तथा पीड़िता क्रमांक 01 साथ मारपीट करने लगे तथा पीड़िता क्रमांक 01 को चाकू दिखकार दोनो ने उसके साथ बारी बारी से दुष्कर्म किया। फिर दुसरे दो लोग आये उन्होंने भी बारी बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद उन्होंने पीड़िता क्रमांक 01 को वहीं पटक दिया। वह उठकर अपनी बेटी पीड़िता क्रमांक 02 नाबालिक बालिका की तरफ जाने लगी तो उन लोगों ने पीड़िता क्रमांक 01 को फिर से धक्का देकर गिरा दिया। फिर वो सभी लोग वहां से भाग गए। फिर पीड़िता क्रमांक 01 उठकर तुरंत घर तरफ गई तो दरवाजा बाहर से बंद था।
मैं दरवाजा खोलकर घर के अंदर गई तो वहां पीड़ित क्रमांक 01 के पति और पड़ोसी एक दुसरे की रस्सी खोल रहे थे फिर पिडिता क्रमांक 01 घर से बैटरी लेकर बाहर उसकी नाबालिक बालिका पीड़िता क्रमांक 02 को देखने गई तो घर के पास वाले खेत में उसकी नाबालिक बालिक पीड़िता क्रमांक 02 मिट्टी मे लथपथ हालात में उसे मिली। पीड़िता क्रमांक 02 ने बताया कि उन लोगों मे से चार लोगो ने चाकू अड़ा कर उसके साथ भी बारी बारी से दुष्कर्म किया तथा मारपीट की। वे लोग पीड़िता क्रमांक 01 और उसके पति तथा पडोसी का मोबाईल एवं पीड़िता क्रमांक 01 का मंगलसूत्र भी छीनकर ले गये। उन लोगो द्वारा मारपीट करने से सभी को चोंटे लगी थी। घटना के बाद साधन नही होने से सुबह होने पर गिट्टी खदान पर काम करने आये मजदुर के फोन से उन्होनें सेठ को खबर दी।उसके बाद उसके वहां आने पर उसकी गाड़ी में बैठकर रिपोर्ट करने थाने पर आयी। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस कारण से इस प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रन्धावे द्वारा की गई।विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सों एक्ट ने बहुचर्चित जघन्य संनसनिखेज मामला बोदरली गिट्टी खदान पर काम करने वाले मजदूरों के घर में घूसकर मारपीट कर रूपयें मोबाईल मंगलसूत्र छिन कर ले जाने वाले एवं मां एवं बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरेापीगण को धारा- 347 भादवि में 3 वर्ष कारावास एवं 500 रू. अर्थदण्ड, धारा 449 भादवि में 10 वर्ष कारावास एवं 1000 रू. अर्थदण्ड, धारा 395/397 भादवि में 10 वर्ष कारावास एवं 3000 रू. अर्थदण्ड, धारा 376डी बी भादवि मे आजीवन कारावास शेष प्राकृत जीवन के लिए एवं 5000 रू. अर्थदण्ड, धारा 376डी भा.द.वि. मे आजीवन कारावास शेष प्राकृत जीवन के लिए एवं 5000 रू. अर्थदंड से दंडित किया।
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