रेलवे टिकट स्टाफ ने दो अलग अलग घटनाओं में फिर बुलंद किया इंसानियत का परचम | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

रेलवे टिकट स्टाफ ने दो अलग अलग घटनाओं में फिर बुलंद किया इंसानियत का परचम | New India Times

मध्य रेलवे के खंडवा बुरहानपुर के रेलवे स्टाफ अपनी ड्यूटी के अतिरिक्त मानवता के हित में काम करने के चर्चे समय समय पर अखबारों की सुर्ख़ियों की ज़ीनत बने रहते हैं। हाल ही में रेलवे टिकट स्टाफ द्वारा अपने कर्तव्यों के साथ-साथ मानवता के लिए की गई उल्लेखनीय सेवाओं का एक और मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के रेल टिकिट जांच कर्मचारी अनिल कुमार सोनी व देवानंद रजक की सूझबूझ ने एक 8 वर्षीय मानसिक दिव्यांग मोहम्मद सिद्दीक़ (मनमाड़) को उसके व्याकुल परिजन से मिलवाने का मामला सामने आया है।

बीते रविवार पुष्पक एक्सप्रेस में भुसावल से खंडवा के दरम्यान सघन जांच के दौरान इन दोनों सजग कर्मचारियों ने यात्रियों के साथ उक्त बालक की स्थिति भांपते हुए उसे दुलारा, पुचकारा और अपने संरक्षण में ले लिया। फिर विधिसम्मत आरपीएफ, चाइल्ड केयर लाईन एवं महिला बाल विकास अधिकारी के बीच तालमेल बनाकर उस घबराए बालक को चाइल्ड केअर होम पहुंचाया। फिर सोशल मीडिया के माध्यम से मनमाड और नासिक के सोशल ग्रुप में न्यूज़ पहुंचाई। बच्चे के अभिभावकों को सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ कि उनका बच्चा खंडवा में सुरक्षित हैं। फिर उन्होंने अनिल सोनी से फ़ोन पर संपर्क किया। इस प्रकार अनिल सोनी व देवानंद रजक ने अभिभावकों तक बच्चा सुरक्षित पहुंचा कर मानवता के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाया। जाविद शेख ने बताया कि मेरा बेटा मानसिक विकलांग है और घर (मनमाड़) से गुम हो गया था। जिसकी रिपोर्ट मनमाड़ पुलिस थाने में दर्ज कराई थी। कल सोशल मीडिया पर बच्चे की जानकारी देखी तो पता चला कि बच्चा खण्डवा में है।

मेरा बच्चा सकुशल और सुरक्षित मिल गया। इस हेतु मैं रेल प्रशासन और खासकर दोनों मुख्य टिकट निरीक्षकों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। मैं आजीवन आप सभी का ऋणी रहूंगा। खण्डवा टिकट चेकिंग के दोनों अधिकारियों के ड्यूटी के दौरान इस मानवीय संवेदनाओं से ओतप्रोत कार्य की सभी लोगों भूरि भूरि प्रशंसा की जा रही है। बच्चे के पिता ने मंडल रेल प्रबंधक भुसावल को इन कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों की सराहना एक भावुक पत्र लिखकर की है। यह घटनाक्रम शहर में भी चर्चा एवं प्रशंसा का विषय बना हुआ है। ज्ञातव्य रहे कि पूर्व में भी ऐसे चाईल्ड ट्रैफिकिंग और घर से भागी अथवा भगाई गई कई मासूम बच्चियों को अपराधियों के पंजे से मुक्त कराने में अनिल सोनी, अजय खोसला, रजक, आर पी राम और साथी अग्रणी रहे हैं। उनके इस पारमार्थिक मिशन में उन्हें अन्य साथियों का भी उल्लेखनीय सहयोग मिलता रहा है।

दो रेल कर्मियों ने काशी एक्सप्रेस 15018 अप ट्रेन की ज़द में आए एक यात्री की जान बचाई

ऊपर दर्शित घटना के अतिरिक्त प्राप्त सूचना के अनुसार आज सुबह काशी एक्सप्रेस 15018 अप के खण्डवा स्टेशन से निकलने के बाद कुछ यात्रियों ने ट्रेन में खण्डवा भुसावल के बीच कार्यरत खण्डवा में पदस्थ उपमुख्य टिकट निरीक्षक श्री ऋषि कुमार सोनकर को बताया कि बी 2 कोच में एक आदमी का पंजा कट गया है और वो कॉरिडोर में है।

ऋषि कुमार सोनकर अपने सहकर्मी सुरेश कुमार मीणा के साथ तुरंत बी 2 कोच पहुंचे। वहां यात्रियों की भीड़ उस घायल को घेरे हुए थी और मोबाइल से वीडियो बना रही थी। पदस्थ रेलकर्मी श्री सोनकर ने सूझबूझ से काम लेते हुए फर्स्ट एड के रुप में उस घायल के बहते हुए खून को देखकर अपने गमछे से पैर पर कसकर बाँधा ताकि खून के बहने को कम किया जा सके।

यात्रियों से पूछताछ में पता चला कि यात्री का नाम हुसैन अहमद उम्र 21 वर्ष है, जो मऊ से मुंबई जा रहा है। उसका बर्थ बी 2 कोच में 44 नम्बर और पीएनआर 2629170644 है।

तत्पश्चात वाणिज्य नियंत्रक भुसावल को सम्पूर्ण घटनाक्रम की जानकारी दी। बुरहानपुर में उक्त घायल को दोनों टिकट चेकिंग कर्मचारियों, ट्रेन में कार्यरत हाउस कीपिंग कर्मचारियों और रेल सुरक्षा बल, बुरहानपुर के जवानों द्वारा उतारा और उपस्थित एम्बुलेंस द्वारा तुरंत हॉस्पिटल भेजा।
ये पता नहीं चल पाया कि ये दुर्घटना कैसे हुई। रेल कर्मचारियों की मानवता को सलाम।


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