नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
साल 2020-21 कोरोना का पहला मरीज केरल के हवाई अड्डे पर मिलने के बाद खतरे को लेकर राहुल गांधी संसद में चेताते रहे लेकिन राजा बाबू ने इंटरनेशनल उड़ाने बंद नहीं की, परिणाम स्वरूप फैलते कोविड को रोकने के लिए क्रांतिकारी फैसले के नाम पर भारत में जबरन तालाबंदी घोषित की। उस समय केंद्र सरकार की ओर से महाराष्ट्र सरकार को GST का 25 हजार करोड़ रुपया मिलना था जो केंद्र ने नहीं दिया बावजूद इसके उद्धव ठाकरे ने राजकाज बेहतर तरीके से चलाया। आज 2023-24 में केंद्र ने महाराष्ट्र को GST के 7472 करोड़ रुपए दिए हैं। टैक्स संग्रहण और वितरण के अनुपात में महाराष्ट्र को 7472 के साथ साथ और 22 हजार करोड़ रुपए मिलने चाहिए थे। ED सरकार का इतना नैतिक बल नहीं जो महाराष्ट्र के GST के हक के पैसे के लिए वह मोदी सरकार से भिड़ जाए। GST का ब्यौरा हम इस लिए दे रहे हैं क्योंकि शिंदे-फडणवीस सरकार के एक साल में प्रशासन को काफी कुछ भुगतान पड़ रहा है।
पिछला भुगतान बकाया होने के कारण आर्थिक तंगी से परेशान शासकीय ठेकेदार संगठन काम बंद मोड़ में हैं। इधर मंत्रियों के दबाव में PWD, इरीगेशन विभाग में धड़ाधड़ नए टेंडर सार्वजनिक किए जा रहे हैं जबकि फंड के नाम पर तिजोरी में एक पैसा तक नहीं है। यह नए काम लेने के लिए ठेकेदार कतरा रहे हैं आखिर पुराने लेनदारी का कोई ठिकाना नहीं है। सरकार असंवैधानिक होने के कारण उसे RBI से मिलने वाले सालाना 70 हजार करोड़ के ऋण का लाभ नहीं मिल सकता।
भाजपा द्वारा प्रतिशोध से की गई सत्ता की कुत्सित राजनीति ने सरकार के नाम पर राज्य को एक ऐसी व्यवस्था दी जिसकी कल्पना इतिहास ने कभी की नहीं होगी।
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