रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
‘जल बीना सब सुना’ जीवन की मूलभूत आवश्यकता है पानी, पानी के बिना मनुष्य का स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि सामाजिक जीवन भी प्रभावित होता है। इस बात का प्रमाण है मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के मेघनगर की। श्रीमती किरण तवर, श्रीमती भानुमति, शालीनी, यास्मीन, रानी शर्मा, शबनम खान, अनीता का कहना है की पहले पीने के पानी की इतनी किल्लत थी की मेघनगर के लड़कों से आस-पास के कस्बे वाले अपने बेटियों का विवाह नहीं करते थे लेकिन शासन की मंशा और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपक्रम मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी के प्रयासों ने अब मेघनगर की तकदीर बदल दी है। अब यहां के लोगों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है घर बैठे साफ-स्वच्छ पानी मिल रहा है।
मेघनगर रहवासी राजेश राव, रहीम भारती, भरत मिस्त्री, इरशाद शेरानी के अनुसार पहले पानी के लिए लम्बी लम्बी कतारें लगानी पड़ती थी और टैंकरों से पानी आता था, पर अब नल की टोटी खोलते ही पर्याप्त मात्रा में पानी एक दिन छोड़ कर मिलने लगा है।
फारुक शेरानी, अबरार खान, असफाक शेरानी, सलमान शेरानी कहते है कि पहले पानी का संग्रहण करने में समय और ऊर्जा दोनों व्यर्थ होती थी, पर अब नियमित तौर पर नल में पानी आने से समय की बचत हो रही है।
गौरतलब है कि यहां हर घर शुद्ध जल पहुंचाने के लिए अनास नदी पर इंटैक वैल स्थापित किया गया है और जल को स्वच्छ करने के लिए 2.3 एमएलडी क्षमता का जल शोधन संयंत्र निर्मित किया गया है। नगर में 200 किलो लीटर का एक ओवर हैड टैंक बनाया गया है, पहले से मौजूद दो ओवर हैड टैंक भी उपयोग किए जा रहे हैं। हर घर को नल कनेक्शन से जोड़ने के लिए 22 किलो मीटर की पाइप लाइन बिछाई गई है।
उल्लेखनीय है कि मेघनगर में 2600 से अधिक घरों को नल कनेक्शन से जोड़ दिया गया है। दस वर्षों के संचालन और संधारण के साथ इस परियोजना की लागत लगभग 30 करोड़ रूपये है। मेघनगर जल प्रदाय परियोजना एशियन डेवपलमेंट बैंक के सहयोग से पूरी की गई है।
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