बुरहानपुर की 5 मस्जिदों में औरंगाबाद की तर्ज़ पर स्थापित किया गया बाल वाचनालय | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

बुरहानपुर की 5 मस्जिदों में औरंगाबाद की तर्ज़ पर स्थापित किया गया बाल वाचनालय | New India Times

महाराष्ट्र के औरंगाबाद की तर्ज़ पर बुरहानपुर की 5 मस्जिदों सर्वश्री (1) मस्जिद सुल्तानिया राजपुरा (2) मस्जिद अबु अशअरी उर्फ़ नारियल वाली मस्जिद, नेअमतपुरा (3) मस्जिद सिकंदर शाही पुष्पक बस स्टैंड रोड नेमत पुरा बुरहानपुर (4) मस्जिद वा मदरसा नूर शाह सूफी, सेहत कुंवा, सिंधीपुरा (5) जामा मस्जिद असीरगढ़ में स्टडी सेंटर के लिए तंजीम मर कजुल मकातिब हज़रत शाह नौमान रेहमत उल्ला अलेह बुरहानपुर के तत्वाधान में कौम के बच्चे बच्चियों के लिए बाल वाचनालय स्थापित किया गया, जिस का विधिवत शुभारंभ औरंगाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता और रीड एंड लीड फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष मिर्ज़ा अब्दुल कय्यूम नदवी के शुभ हाथों से गत दिवस बुरहानपुर के उलमाए ईकराम की सरपरस्ती में संपन्न हुआ। इस मौक़े पर रीड एंड लीड फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष मिर्ज़ा अब्दुल कयूम नदवी ने तकरीब को खिताब करते हुए कहा कि बड़ी लाइब्रेरी बचाने के लिए हमें छोटी छोटी बच्चों की लाइब्रेरियां क़ायम करनी होंगी,जो कौम पड़ती है वह आगे बढ़ती है। मिस्टर नदवी ने कहा कि मैं यह बात बिल्कुल भी मानने को तैयार नहीं हूं कि बच्चे किताबें पढ़ते नहीं हैं। दरअसल हम इसके जिम्मेदार हैं। हमने कभी उनके लिए बाज़ार से किताबें खरीद कर उन्हें दी नहीं है और हम खुद भी घरों में पढ़ते नहीं है। यहां यह बात क़ाबिल ए ज़िक्र है कि औरंगाबाद इकरा हाई स्कूल की आठवीं जमात की तालिबा (छात्रा) मरयम मिर्ज़ा की तहरीक मोहल्ला मोहल्ला लाइब्रेरी के तहत शहर व अतराफ में 32 बच्चों की लाइब्रेरियां क़ायम हो चुकी है, जो बड़ी कामयाबी से चल रही हैं और इन छोटी-छोटी लाइब्रेरियों से हजारों गली मोहल्लों, झुग्गी झोपड़ियों में गरीब मजदूरों के बच्चे फायदा उठा रहे हैं। मरियम मिर्ज़ा का एक ही नारा है जो कौम पढ़ती है वह आगे बढ़ती है। हर अलमारी पर हमने लिखा है पढ़िए और आगे बढ़िऐ।इसी तर्ज़ पर तारीखी शहर बुरहानपुर में भी यह तेरहीक शहर की 5 बड़ी मस्जिदों में स्टडी सेंटर के रुप में बुरहानपुर के प्रसिद्ध इस्लामिक धार्मिक विद्वानों और उलमा ए इकराम की सरपरस्ती में शुरु की गई है। महाराष्ट्र के जलगांव के प्रसिद्ध शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर अब्दुल करीम सालार ने मस्जिद हज़रत नूर शाह सूफी में जारी मकतब (वाचनालय) के जलसे में बच्चों और सरपरस्तों से खिताब करते हुए कहा कि मौजूदा दौर में किताबों और मुताले (अध्यन्न) की अहमियत को वाजेह करते हुए कहा कि कौमों और मुल्कों की तरक्की में किताबों की बड़ी अहमियत होती है। इसलिए हमें जितना ज्यादा हो सके अपने आपको किताबों का आदी बनाना होगा। प्रोग्राम में जलगांव से सीनियर पत्रकार मुश्ताक करीमी ने भी शिरकत फरमाई और लाइब्रेरी के क़याम पर मुनतज़मीन की खिदमत में मुबारकबाद पेश की।


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