भोपाल शहर में बंद पड़े क़ब्रिस्तानों का संरक्षण कर जगह की कमी को किया जा सकता है दूर: हाजी मोहम्मद इमरान | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

भोपाल शहर में बंद पड़े क़ब्रिस्तानों का संरक्षण कर जगह की कमी को किया जा सकता है दूर: हाजी मोहम्मद इमरान | New India Times

शब ए बारात को देखते हुए जमीअत उलमा ए हिंद की एक टीम ने मध्यप्रदेश अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून के निर्देश पर भोपाल के सभी क़ब्रस्तानों का जायज़ा लिया। इस मौके पर जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने कहा कि कब्रस्तान में जगह की कोई तंगी नहीं है बस शहर में बंद पड़े क़ब्रस्तानों को संरक्षण करने की ज़रूरत है। उन्हों ने कहा कि शहर के क़ब्रस्तानों का संरक्षण एवं अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए समाज को जागरूक करने की ज़रूरत है। जिस के लिए मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड, क़ब्रस्तानों की सुरक्षा समितियां एवं मुस्लिम समाज को मिलकर पहल करना पड़ेगा।ताकि बंद पड़े क़ब्रस्तानों का भी इस्तेमाल हो सके। वहीं हाजी मोहम्मद इमरान ने NIT संवाददाता से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी टीम ने मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड एवं नगर निगम भोपाल से मांग की है कि शहर भोपाल के तमाम कब्रस्तानें एवं मकबरे जो बदहाली ओर अतिक्रमण का शिकार हैं उनकी समस्याओं को स्थाई रूप से दूर किया जाए। हाजी मोहम्मद इमरान ने चर्चा के दौरान कहा कि हम ने मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड, को पत्र लिख कर मांग की है कि क़ब्रस्तानों के संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही साथ क़ब्रस्तानों में स्थाई रूप से लाइट के प्रबंध बैठेने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था, रास्तों पर ब्लॉकिंग, क़ब्रस्तानों में नाम चिन्ह बोर्ड क़ब्रस्तानों का सीमांकन वगैरह करवाया जाए। इस के इलावा भोपाल के नवाबों एवं बेगमों के मगबरों का संरक्षण किया जाए। मगबरा शाजहाँ बेग़म में हाई मस्ट लाइट लगवाई जाए। रंग रोगन किया जाए बोर्ड लगया जाए और अन्य ऐतिहासिक मगबरों का संरक्षण भी किया जाए । बंद पड़े क़ब्रस्तानों में साफ सफाई कर उन्हें भी इस्तेमाल योग्य बनाया जाए क़ब्रस्तानों में पक्की क़ब्रें बनाने से बचा जाए एवं क़ब्रस्तानों में स्थाई कार्य सुरक्षा एवं संरक्षण के करवाए जाएं एवं सभी क़ब्रस्तानों में लाइट पानी कुर्सी ब्लॉकिंग के स्थाई इंतेज़ाम किए जाएं। इस दौरे में मोहम्मद कलीम एडवोकेट,मुजाहिद मोहम्मद खान, मुफ्ती राफे,हाजी मोहम्मद इमरान आदि शामिल थे।


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