नरेंद्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

जलगांव शहर की बदहाल सड़कों का मसला तब सामने आया जब NCP प्रमुख शरद पवार ने शहर का दौरा किया था। फडणवीस सरकार में मंत्री रहते गिरीश महाजन द्वारा तत्कालीन मनपा चुनाव में घोषित 100 करोड़ 200 करोड़ के विकास के पैकेज वाली घोषणा भी जुमला साबित हुई थी। आज जलगांव शहर की अंदरूनी सड़कों का निर्माण कार्य इस कदर घटिया किया जा रहा है की WBM के बाद तुरंत BBM की तैयारी वह भी बिना किसी मजबूती के। आर आर हाईस्कूल के निकट बनी सड़क से अन्य सड़कों के काम की गुणवत्ता को नापा जा सकता है। जिला परिषद के पास बना रेलवे क्रॉसिंग का ओवर ब्रिज का डिजाइन भी फेल हो चुका है। जर्जर सड़कों के कारण सारा शहर धूल मिट्टी में नहा रहा है। दूसरी बार मंत्री बनाए गए महाजन के गृह नगर जामनेर में पेंडिंग पड़े बायपास, कांग नदी ओवर ब्रिज, MGP के तहत गांवों कस्बों में पेयजल आपूर्ति योजनाओं के काम धृत गति से इस लिए किए जा रहे हैं क्योंकि सूबे में किसी भी वक्त विधानसभा के आम चुनावों का ऐलान हो सकता है। वैसे तो ये तमाम काम आज से 20 साल पहले ही पूरे हो कर लोकार्पित हो जाने चाहिए थे। साथ साथ जामनेर MIDC में कारखानों की लाइन लगनी चाहिए थी लेकिन MIDC का बुनियादी विकास अधर में लटका है। टेक्सटाइल पार्क, मेडिकल हब, एजुकेशन हब, स्टेडियम जैसी तमाम बातें कहां खो गईं किसी को कुछ पता नहीं है।
सोयगांव सड़क की बदहाली

शेंदुर्नी सोयगांव इस 7 किमी सड़क का हाल बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। खान्देश मराठवाडा विभाग को जोड़ने वाली यह सड़क कई वर्षों से PWD के पक्षपात का सामना कर रही है। जामनेर सीमा में PWD द्वारा किया जा रहा सड़क का काम अधर में पड़ा है। यही हाल औरंगाबाद विभाग के भीतर का है। सिल्लोड और जामनेर इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों का नेतृत्व करने वाले विधायक वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। जामनेर तहसील के फत्तेपुर और शेंदुर्नी जिला परिषद ब्लाक में बुनियादी विकास का अनुशेष आज तक भरा नहीं गया है।
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