कतर्निया क्षेत्र में जंगली हाथियों ने किसान को पैरों तले रौंद कर उतारा मौत के घाट | New India Times

फ़राज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:

कतर्निया क्षेत्र में जंगली हाथियों ने किसान को पैरों तले रौंद कर उतारा मौत के घाट | New India Times

कतर्निया घाट रेंज अंतर्गत बर्दिया गांव निवासी एक किसान को मंगलवार देर रात खेत की रखवाली करते समय हाथियों के झुंड ने सूंड से पटक कर रौद दिया जिससे किसान की मौके पर ही मौत हो गई। जिसके बाद घर में कोहराम मच गया और काफी संख्या में गांव के लोग एकत्रित हो गए।
वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।

कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के कतर्निया घाट रेंज अंतर्गत बर्दिया गांव निवासी सुरेश (30) पुत्र राम दुलारे का खेत एसएसबी कैम्प के निकट स्थित कर्बला के पास है। सुरेश मंगलवार रात अपने खेत की रखवाली कर रहा था, तभी रात 11:00 बजे के आसपास जंगली हाथियों का झुंड खेत में आ धमका। सुरेश ने हाथियों को भगाने की कोशिश की लेकिन वह झुंड में घिर गया। बचाव के लिए सुरेश ने शोर मचाना शुरू किया, गांव के लोग दौड़े लेकिन जब तक ग्रामीण पहुंचते तब तक हाथियों ने सुरेश को रौद कर मार डाला।

कतर्निया क्षेत्र में जंगली हाथियों ने किसान को पैरों तले रौंद कर उतारा मौत के घाट | New India Times

घटना की सूचना मिलते ही कतर्निया वन विभाग की टीम के साथ रेंजर विजय कुमार मिश्रा दल बल के साथ पहुंचे हैं। वन विभाग के अनुसार जँगली हाथियों का पूरा झुंड था उनके पग चिन्ह भी मिले है। घटना के बाद दहशत का माहौल है। सुजौली पुलिस को भी सूचना दी गयी है।
मौके पर पहुंचे सुजौली पुलिस के द्वारा मृतक युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है वही इस दौरान मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने परिवार के लोगों को शांत कराया और मदद का आश्वासन भी दिया है

वहीं मामले पर प्रभावी प्रभागीय वन अधिकारी कतर्निया घाट आकाशदीप बधावन का कहना है कि वन विभाग की तरफ से लगातार क्षेत्र में हाथियों एवं जंगली जानवरों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है, पंपलेट बांटे जा रहे हैं टॉर्च एवं जैकेट बांटे जा रहे हैं, लगातार लोगों के बीच जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाई गई है परंतु लोक सजग नहीं हो पा रहे हैं। एक समस्या यह भी है कि इस घटना के स्थान पर गन्ने का कांटा होने की वजह से हाथियों की गतिविधियां रहती हैं हाथियों का पसंदीदा एवं मुख्य भोजन गन्ना होता है ऐसे में उस कांटे को भी वहां से हटाने की प्रक्रिया अगर गांव के लोग ग्रामीण राजी होते हैं तो कराए जाने की व्यवस्था की जाएगी। पीड़ित को मुआवजा एवं आर्थिक मदद तो की जा सकती है परंतु जान की छत पूर्ति नहीं हो सकती ऐसे में काफी दुख है। मृतक किसान के परिजनों को दस हजार की तत्काल मदद कर दी गई थी इसके पश्चात मृतक को पांच लाख का मुआवजा भी दिलवाया जाएगा इसके साथ-साथ बरदिया गांव में जंगली हाथियों के हमलों से निपटने के लिए व्यवस्था की जा रही हैं और सबको जागरूक भी करवाया जाएगा।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading