झांसी की जन्मदिवस की नई तारीख से गौरवशाली इतिहास विलुप्त हो जाएगा: अरविंद वशिष्ठ | New India Times

अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:

झांसी की जन्मदिवस की नई तारीख से गौरवशाली इतिहास विलुप्त हो जाएगा: अरविंद वशिष्ठ | New India Times

अरविंद वशिष्ठ की अध्यक्षता में गोष्ठी हुई जिसमें झांसी की पौराणिकता को प्रशासन द्वारा सिरे से नकारते हुए झांसी की जन्म तिथि घोषित कर दी जिस पर वक्ताओं ने आक्रोश प्रकट किया!
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजवादी नेता अरविंद वशिष्ठ ने कहा की झांसी के इतिहास के साथ सरकार लगातार छेड़खानी कर रही है पूर्व में झांसी के स्टेशन का नाम बदलने का प्रयास किया जब झांसी वासियों ने आंदोलन किए तब सरकार ने मजबूर होकर झांसी शब्द को स्टेशन के साथ जोड़ा और आज झांसी के 600 वर्ष के इतिहास को नकारते हुए झांसी के जन्म दिवस की नई तिथि 7 फरवरी 2002 घोषित कर दी जिसकी हम झांसीवासी सिरे से अस्वीकार करते हैं जैसा कि इतिहासकारों और पूर्वजों द्वारा सुनते आए हैं कि पूर्व में झांसी को बलवंत नगर के नाम से ही जाना जाता था।
ऐतिहासिक ओरछा किले पर एक दिन राजा वीर सिंह अपने पड़ोसी राज्य जैतपुर के राजा के साथ किले के बुर्ज पर बैठे हुए थे। दोनों आपस में बातें कर रहे थे। इस दौरान जैतपुर के राजा को ओरछा किले से बलवंत नगर में बना किला बिल्कुल थोड़ा सा दिख रहा था, इसलिए उन्होंने ‘झाईं सी’ कहा। इसका बुंदेली में मतलब बिल्कुल थोड़ा सा होता है। राजा वीर सिंह को ‘झाईं सी’ शब्‍द बहुत पसंद आया। इसके बाद यह शब्‍द बलवंत नगर में काफी प्रचलि‍त हो गया और धीरे-धीरे यह झांसी बन गया। इस तरह बलवंत नगर को झांसी नया नाम मिल गया।
और झांसी ने अपना एक गौरवशाली इतिहास बनाया जिसमें वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई से लेकर दद्दा ध्यानचंद सहित कई विभूतियों ने झांसी का नाम विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया!
झांसी म्युनिसिपालिटी की स्थापना सन 1886 में हुई जिसकी पहली कमेटी में मेरे पूर्वज महाराज गोविंद राम जी वशिष्ठ मानद सदस्य मनोनीत किए गए थे यदि झांसी के जन्मदिवस की तारीख से छेड़खानी की जाती है तो झांसी का इतिहास स्वतः ही धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएगा इसलिए हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इस तिथि को इतिहास के आधार पर घोषित करें!
उक्त अवसर पर सैयद अली, शादाब खान लइक भाई , मनीष रायकवार, सैयद अयान अली हैदर अली सुशील अमित चक्रवर्ती अभिषेक दिक्षित अभिषेक कनौजिया निखिल पाठक शिवम नायक सहित कई वक्ताओं ने विरोध प्रकट किया!


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