मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए चल रहा है अभियान, अब तक हुई 59670 लोगों की जाँच, 45 में हुई मलेरिया की पुष्टि, समय से मिले उपचार से सभी हुए स्वस्थ | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए चल रहा है अभियान, अब तक हुई 59670 लोगों की जाँच, 45 में हुई मलेरिया की पुष्टि, समय से मिले उपचार से सभी हुए स्वस्थ | New India Times

जिले में वेक्टर जनित रोगों से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग विशेष अभियान चला रहा है। खासतौर से मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को अलर्ट कर दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मलेरिया रोग की रोकथाम के लिए जिले के सभी सीएचसी व पीएचसी को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने संबंधित क्षेत्रों में मलेरिया को लेकर जांच अभियान चलाएं और पॉजिटिव पाए जाने पर ऐसे रोगियों का इलाज सुनिश्चित करें।
जिला मलेरिया अधिकारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में जनवरी से अब तक 59, 670 लोगों की मलेरिया की जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में 45 लोग पॉजिटिव पाए गए थे। उनका इलाज किया गया। इलाज के बाद वह सभी लोग स्वस्थ भी हो गए हैं। मलेरिया रोगियों को 14 दिन की दवा का कोर्स चलाया जाता है, जिसके बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में मलेरिया की दवाएं उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए थे, जिसके चलते सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट किया गया था। वहां के संबंधित स्टाफ द्वारा अपने क्षेत्रों में मलेरिया रोग को लेकर जांच कराई गई हैं। यह अभियान अभी दो महीने और चलेगा।

ग्राम प्रधानों को दी गई गांव को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी, फाइलेरिया की जांच को लेकर चलेगा अभियान

मलेरिया से लोगों को बचाने के लिए चल रहा है अभियान, अब तक हुई 59670 लोगों की जाँच, 45 में हुई मलेरिया की पुष्टि, समय से मिले उपचार से सभी हुए स्वस्थ | New India Times

जिला मलेरिया अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मलेरिया रोग के प्रसार को रोकने में ग्राम प्रधानों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने गांव में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखें। इसके साथ ही कीटनाशक दवाओं का बराबर छिड़काव कराएं, ताकि गांव में स्वच्छता बनी रहे और लोग मलेरिया जैसे रोगों से पीड़ित न होने पाएं।

सीएमओ डॉ. अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि फाइलेरिया रोगियों की पहचान के सात सितंबर से नाइट ब्लड सर्वे(एनबीएस) किया जाएगा। छह सितंबर को लैब टेक्नीशियन व लैब सहायक का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेगा। फाइलेरिया की जांच सूरज ढलने के बाद की जाती है, क्योंकि फाइलेरिया के रोगाणु माइक्रोफाइलेरिया दिन के समय रक्त में सुप्तावस्था में रहते हैं। रात में सक्रिय हो जाते हैं। नाइट ब्लड सर्वे में लोगों के रक्त के नमूने लेकर रक्त पट्टिकायेँ बनाई जायेंगी।


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