एनएसयूआई ने मप्र के सभी नर्सिंग कालेजों का पुनः निरीक्षण करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

एनएसयूआई ने मप्र के सभी नर्सिंग कालेजों का पुनः निरीक्षण करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र | New India Times

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द करने के बाद छात्रों का का भविष्य खतरे में आ गया है। डिग्री को लेकर छात्रों में चिंता का माहौल बना हुआ है। मध्यप्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।वहीं कांग्रेस पार्टी एवं कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई लगातार मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार को घेर रही है। इसी बीच मध्यप्रदेश एनएसयूआई मेडिकल विंग ने मध्यप्रदेश के हजारों नर्सिंग छात्र छात्राओं के भविष्य की चिंता करते हुए एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।

रवि परमार ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग कि मध्यप्रदेश के समस्त पात्र और अपात्र नर्सिंग कालेजों के निरीक्षण के लिए पुनः निरीक्षण कमेटी गठित करवाकर नियम अनुसार कार्यवाही करने के लिए निर्देशित करने की मांग करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के हजारों नर्सिंग छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना किया जाए.
परमार ने मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल भोपाल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सत्र समाप्त होने के बाद मान्यता निरस्त क्यों की गई अगर काउंसिल को मान्यता निरस्त करना थी तो सत्र की शुरुआत में ही नियम अनुसार कार्यवाही कर मान्यता निरस्त करना थी.
रवि ने मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल के दस्तावेज वापस करवाने वाले आदेश पर कहा कि अगर दस्तावेज वापस करने के लिए कहा तो छात्र छात्राओं की फीस भी वापस करने के लिए आदेश जारी क्यों नहीं किया गया एनएसयूआई ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग कि है कि नर्सिंग छात्र छात्राओं की फीस वापस करने के लिए जल्द से जल्द आदेश जारी करने के निर्देश दे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading