पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (मप्र), NIT:
विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने हेतु राष्ट्रीय अवकाश घोषित किए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति महोदया के नाम डिप्टी कलेक्टर दीपा श्री गुप्ता एवं अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। आदिवासी समाज के समस्त सामाजिक संगठनो द्वारा देश की 15वीं महामहिम राष्ट्रपति महोदया बनने पर माननीया द्रोपति मुर्मू को शुभकामनाए देते हुए कहा कि जल, जंगल, जमीन एवं आदिवासी संस्कृति-सभ्यता, भाषा, रीति-रिवाज, रूढ़िवादी परंपरा, को संरक्षित एवं जीवित रखने हेतु आगामी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने हेतु राष्ट्रीय अवकाश घोषित किए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन
सौंपा। सामाजिक कार्यकर्ता विजय चोपड़ा द्वारा 15वीं राष्ट्रपति महोदया बनने पर शुभकामनाए देते हुए कहा कि राष्ट्रपति महोदया के रूप में देखकर हमें गर्व की अनुभूति हो रही है। देश की प्रथम आदिवासी समाज की महिला को राष्ट्रपति बनने पर सम्पूर्ण आदिवासी समाज को गर्व महसूस हो रहा है। आदिवासी समाज द्वारा सौंपे गए। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पूरे विश्व में आदिवासी संस्कृति, भाषा, रीति-रिवाज सभ्यता,जल, जंगल,जमीन को संरक्षित रखने के लिए नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाए जाने हेतु संयुक्त संघ द्वारा 1994 में घोषणा की गई। जिसमें भारत सहित 193 देश इसके सदस्य हैं, इस दिवस को संपूर्ण आदिवासी समाज एक वृहद स्तर पर उत्साह, हर्षोल्लास के साथ अपनी पारंपरिक वेशभूषा और रीति-रिवाज के साथ निरंतर मनाते आ रहे है। जिसके लिए प्रतिवर्ष हम आदिवासी समाज को अपनी राज्य सरकारों को ज्ञापन और पत्रों के माध्यम से विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने हेतु सार्वजनिक अवकाश के लिए मांग करते आ रहे हैं। किंतु अभी तक केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया है। ना ही प्रदेश सरकार द्वारा घोषित किया गया।इसके फलस्वरूप देश के हर आदिवासी समाज के व्यक्ति के साथ पक्षपात और भेदभाव सा महसूस हो रहा है। समस्त आदिवासी समाज द्वारा राष्ट्रपति महोदया से अनुरोध करते हुए कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति, भाषा, रीति-रिवाज,सभ्यता को संरक्षित रखने एवं विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने हेतु पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने हेतु सामाजिक कार्यकर्ता विजय चोपड़ा, सिद्धार्थ भूरिया, अमन भूरिया, राहुल वसुनिया,लाखन बुंदड़, श्याम वास्केल, उमेश हटीला, विजय बारिया, राज वसुनिया, सुभाष बारिया, गोलू, अजय बामनिया, सतीश परमार आदि समाज जन उपस्थित थे।
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