रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ श्री मोहम्मद सैय्यदुल अबरार के निर्देशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ सचिव/जिला न्यायाधीश श्री लीलाधर सोलंकी, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री विजय पाल सिंह चौहान एवं श्रीमती पूनम सिंह द्वारा दिनांक 4 जुलाई-2022 को जिला जेल झाबुआ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं जेल निरीक्षण किया गया।
शिविर में श्री सोलंकी उपस्थित बंदियों को कानून के महत्व को बताते हुए न्यायालय में अपनाई जाने वाली कानूनी प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी।
शिविर में श्री सोलंकी द्वारा बताया गया कि यदि जेल में निरूद्धं किसी बंदी के पास अधिवक्ता नहीं है तो वह जेल अधीक्षक के जरिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सकता है जिस पर उसे निःशुल्क अधिवक्ता नामित कर दिया जाएगा।
शिविर में बताया गया कि जेल में निरूद्ध बंदियों को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो वह जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक में संपर्क कर अपनी समस्याओं का निराकरण करा सकते है। इसी तरह न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री विजय पाल सिंह चौहान के द्वारा बंदियों को प्रकरण को जल्दी निराकरण किए जाने के लिए राजीनामा का सरल उपाय बताया और दिनांक 13 अगस्त हो होने वाली नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरण को रखवाने के लिए सलाह दी। शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती पूनम सिंह द्वारा बंदियों को विधिक सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत प्राप्त विधिक सहायता एवं अन्य समस्याओं के लिए लीगल एड क्लीनिक और जेल आने वाले पैनल अधिवक्ता से सलाह करने की समझाईस दी गई। अंत में बंदियों की समस्याओं को सुनकर उचित सलाह दी गई। वही कार्यक्रम के समापन के बाद न्यायाधीशों द्वारा जेल स्थित चिकित्सालय का निरीक्षण किया और बंदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच की और उसे संतोषजनक होना बताया। जिला जेल स्थित महिला सेल का भी निरीक्षण किया गया और वहां महिला बंदियों को प्राप्त सुविधाओं के संबंध में पूछताछ की गई। उक्त शिविर में उप अधीक्षक श्री राजेश विश्वकर्मा, सहायक अधीक्षक श्री भीमसिंह रावत, जेल स्टाफ एवं महिला/पुरूष बंदी उपस्थित रहे।
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