गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:
पुलिस आवाम की परेशानी को दूर करने के साथ साथ नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाई गई है। पुलिस का यह कर्तव्य है कि वह अपने क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा करें। यूपी की पुलिस सिस्टम में पिछले कई वर्षों से कई बदलाव हुए हैं, सिस्टम कुछ हद तक बदला भी है, लेकिन उसके बावजूद देखा जाता है कि पुलिस कुछ मामलों में एफ आई आर दर्ज करने में आनाकानी करती है। मामला अंबेडकर नगर जिले की थाना जैतपुर का है जहां पीड़ित ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, पीड़ित ने कहा कि पुलिस पैसों वालों की सुनती है दबंगों ने मारपीट की उसकी शिकायत लेकर थाने गया तो पुलिस ने एफआईआर लिखना जरूरी नहीं समझा और समझौते के लिए जबरदस्ती दबाव बनाया, पुलिस की बात ना मानने पर थाने से कुत्ते की तरह डांट कर भगा दिया गया। पीड़ित पवन मौर्या पुत्र हीरालाल मौर्य निवासी नत्थूपुर लौधना, थाना- जैतपुर ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि 15.6-2022 को समय लगभग 5:30 बजे शाम के करीब पीड़ित सोहगूपुर चौराहे पर स्कूल के मैदान में अपने साथियों के साथ रोशन गौड़, हरी मौर्य, मन्नू सिंह अन्य लड़को के साथ बैडमिन्टन खेल रहा था उसी वक्त विपक्षी शुभम सिंह पुत्र ओमकार सिंह उर्फ गुड्डू सिंह जिन्होंने अपनी दबंगई का परिचय देते हुए जमकर पिटाई कर दी. पीड़ित ने बताया कि अंदरूनी चोट काफी आई है। पवन मौर्य ने बताया कि वह खेल के मैदान में आया और जबरदस्ती खेल में शामिल करने के लिये कहा, मेरे द्वारा मना किया गया तो मां बहन की भद्दी भद्दी गालियां देते हुए कॉलर पकड़ते हुए लात घुसे से पिटाई कर दी। गले में सोने का लॉकेट भी पहन रखा था जिसे मारपीट करते समय शुभम सिंह ने तोड़कर रख लिया। लॉकेट मांगने पर जान से मारने की भी धमकी दी। इसकी शिकायत स्थानीय थाना जैतपुर में दी गई, मगर जैतपुर पुलिस ने आरोपी को पकड़ना जरूरी नहीं समझा और पीड़ित को ही डांट फटकार कर भगा दिया। इस मामले को लेकर पुलिस के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
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