अबरार अहमद खान, स्टेट ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में विभिन्न स्थानों पर ईदुल फ़ित्र की नमाज़ शान्तिपूर्वक अदा की गई। सुबह सात बजे न्यू कबाड़ खाना स्थित जामा मस्जिद अहले हदीस में मौलाना मोहम्मद मुदस्सिर सल्फ़ी ने नमाज़ अदा कराई। उन्होंने सबसे पहले अल्लाह का शुक्र अदा करते हुऐ कहा कि अल्लाह के फजल से रमजान का मुबारक महिना नसीब हुआ। फिर उन्होंने मुसलमानों को नसीहत करते हुए कहा कि अपनी ज़िंदगी में क़ुरआन को लाज़िम पकड़ लो इसलिए कि क़ुरआन को पढ़ना, कुरआन को समझना, इसे दूसरों तक पहुंचाना और इसकी तालीमात पर अमल करना यही सबसे बड़ा जिहाद है. इसी क़ुरान के ज़रिए अल्लाह के नबी ने पूरे अरब में इस्लाम को फैलाया, तौहीद के झंडे लहराए, शिर्क को मिटाया।
इसके बाद कुरआन की अजमत को बयान करते हुए कहा कि यह वो नुस्खा ए कीमिया है जिसके जरीये से उम्मत को उरोज भी मिल सकता है और इसे छोड़ने से जिल्लत भी मिल सकती है।
अपनी तकरीर के दौरान मौलाना मुदस्सिर ने यह भी कहा कि नामुमकिन है कि कुरआन को रखते हुए उम्मत जलील हो जाए और अगर कुरान को रखते हुए उम्मत जलील होती है तो यह तारीख का सबसे बड़ा हदसा होगा, और अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज यह उम्मत क़ुरान को रखते हुए ज़मीन की सबसे बड़ी जलील और बदतर कौम बनी हुई है, फ़िर इसकी वजह को बयान किया कि क़ुरआन के साथ हमारा जो रवैया और सुलूक है उसने यह अंजाम किया है। आज मुसलमान क़ुरान को सिर्फ पढ़ता है उसको समझने की कोशिश नहीं करता, उस पर अमल नहीं करता, दुनिया में तरक्की चाहते हो तो कुरान को पढ़ने के साथ समझना होगा और उस पर अमल करना होगा।
ईद के खुतबे में तमाम मुसलमानों को पैगाम देते हुए मौलाना मुदस्सिर ने कहा कि आज मुल्क का इक्तेदार नफरत की सियासत करने वालों के हाथ में है इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम हालात से इबरत हासिल करें और खुद को अल्लाह की नाफरमानी से बचाओ इसलिए कि अल्लाह का कानून है कि जब मुसलमान बिगड़ जाएंगे तो अल्लाह जालिम और जाबिर हुक्मरान मुसल्लत कर देगा।
नफ़रत की सियासत करने वाले वालों के हथकंडों को नाकाम करने के लिए मौलाना ने कहा कि इस मुल्क के लोगों को जोश के बजाए होश से काम लेना होगा और दर गुजर करते हुए सब्र भी करना होगा।
वहीं मौलाना ने यह भी कहा कि मुल्क में अगर सिर उठाकर जीना है तो इस मुल्क के कानून और दस्तूर को जानना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि जो दस्तूर को जानेगा उसे कोई डरा नहीं पाएगा और जो दस्तूर को नहीं जानेगा उसे हर कोई डरायेगा।
तालीम को लेकर मौलाना मुदस्सिर ने कहा कि आज हमारे लिए सबसे बड़ी ज़रूरत शिक्षा है, भूखे रह जाओ, कर्ज ले लो लेकिन अपने बच्चों को डॉक्टर, वकील, इंजिनियर, जज, फौजी बनाना ना भूलो।
आखिर में मौलाना मुदस्सिर ने औरतों को नसीहत करते हुए कहा कि तारीख में जब कभी भी किसी कौम को उरोज और जवाला मिला है तो कहीं न कहीं औरत का किरदार उसमे शमील रहा है, इस्लिये तमाम औरतों को मुखातिब करके कहा कि आप अगर सुधर जाओगी तो आपके सुधरने से आपका घर सुधारेगा, आपका खानदान सुधारेगा, बल्कि पूरा मुआशरा सुधर जाएगा।
खुतबे के आखिर में मौलाना ने तमाम उम्मत ए मुस्लिमा के लिए दुआ की और मुल्क में अमन व शांति के लिए भी दुआ की।
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