मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के जिला बुरहानपुर एवं मध्य प्रदेश के पदाधिकारी गण व अन्य नेताओं ने खरगोन की स्थिति पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल के नाम कलेक्टर बुरहानपुर को एक ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश एवं देश में रामनवमी व हनुमान जयंती के अवसर पर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की न्यायिक जांच और दोषियों के विरुद्ध विधि अनुसार कार्यवाही करने और संवैधानिक पद पर बैठे हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री को बर्खास्त करने की मांग ज्ञापन के माध्यम से की गई है। इस विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश महासचिव एवं अधिवक्ता शेख जहीरूद्दीन अर्श और ए आई एम आई एम के पूर्व प्रदेश सचिव एडवोकेट सोहेल हाशमी ने प्रतिनिधि को संयुक्त रुप से बताया कि आज हमारे द्वारा एक ज्ञापन मध्य प्रदेश के राज्यपाल के नाम कलेक्टर बुरहानपुर को सौंप कर देश और प्रदेश की हालिया घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि विभिन्न शहरों में रामनवमी व हनुमान जयंती के अवसर पर उक्त रैलियों को मस्जिद के पास से ले जाकर एक वर्ग विशेष के विरुद्ध सांप्रदायिक नारे व डीजे के माध्यम से आपत्तिजनक गीत बजाए गए एवं उक्त रैलियों में लोगों द्वारा अवैध हथियार, तलवार, भाला, चाकू, हॉकी, फरसा, देशी कट्टे लहराए गए एवं पत्थरबाजी का बहाना लेकर खरगोन व सेंधवा में सांप्रदायिक हिंसा भड़काई गई। मुसलमानों के मकानों व दुकानों में आग लगाई गई एवं शासन प्रशासन द्वारा विधि अनुसार जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय मुसलमानों पर बिना किसी जांच के एफ आई आर दर्ज की गई, जो पीड़ित थे उन्हीं पर एफ आई आर दर्ज की गई एवं सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वालों पर, अवैध हथियार प्रदर्शित करने वालों पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। यहां तक कि जिन पीड़ित व्यक्तियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज की गई, उन्हें न्यायालय से दोष सिद्ध हुए बिना ही उनके मकान तोड़ दिए गए जो संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। एवं मानव अधिकारों का भी उल्लंघन है। खरगोन में पुलिस द्वारा सद्दाम नाम के लड़के को बंदी बनाया गया। उसके परिवार वालों को इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गई एवं 8 दिन पश्चात उसकी लाश इंदौर के एमवाय अस्पताल में पाई गई, जिससे प्रतीत होता है कि दंगाइयों एवं पुलिस द्वारा सद्दाम को टॉर्चर कर उसकी हत्या की गई। प्रेषित ज्ञापन में बताया गया कि सांप्रदायिक हिंसा के आरोप में जिस व्यक्ति के दोनों हाथ कटे हैं। उसके विरुद्ध पत्थर बाज़ी व सांप्रदायिक हिंसा का प्रकरण दर्ज किया गया एवं जो व्यक्ति पूर्व से जेल में बंद है, जो सेंधवा के रहने वाले हैं, उनके विरुद्ध भी पत्थरबाजी और सांप्रदायिक हिंसा के प्रकरण दर्ज किए गए हैं। रामनवमी के दिन भाजपा नेता कपिल शर्मा का खरगोन में होना और हेट स्पीच देना भी इस बात का प्रमाण है कि शासन -प्रशासन खरगोन में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के सहायक हैं। आई यू एम एल एवं एम आई एम के पदाधिकारियों ने प्रेषित ज्ञापन में लेख किया है कि, शासन प्रशासन की उक्त कार्रवाई प्रदेश के संवैधानिक पद पर बैठे हुए मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के इशारों पर उनके मौखिक आदेश के अनुसार की गई है। उक्त कार्यवाही को देखते हुए प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री व गृहमंत्री द्वारा संविधान की ली गई शपथ का पालन न करते हुए मुसलमानों के विरुद्ध भेदभाव पूर्ण ग्रस्त अपनी संप्रदायिक सोच के आधार पर कार्यवाही की गई है, जो संविधान द्वारा ली गई शपथ का उल्लंघन है। ज्ञापन में संविधानिक पद पर बैठे हुए दोनों मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग करते हुए समस्त घटनाओं की न्यायिक जांच कराने की मांग ज्ञापन के माध्यम से की गई है। इस अवसर पर मुस्लिम लीग नेता एवं अधिवक्ता शेख़ जहीरूद्दीन अर्श, एम आई एम पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव एवं अधिवक्ता सोहेल हाशमी के साथ मखदूम मियां, कारी अनिसुर रहमान, सलमान अवैसी,, रिजवान अमीर, मोहम्मद अख्तर एवं अन्य कार्यकर्ता शरीक थे।
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