15 वर्षों में नगर का विकास तो कर नहीं सकी और विधानसभा विकास की बात तोबा तोबा! | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

15 वर्षों में नगर का विकास तो कर नहीं सकी और विधानसभा विकास की बात तोबा तोबा! | New India Times

इन दिनों 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए हर तरीके से लोग तरह-तरह के लॉलीपॉप दे रहे हैं, मगर अब मुस्लिम मतदाता भी पूरी तरह मुस्तैद हो चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ टांडा विधानसभा बसपा प्रत्याशी शबाना खातून के क्षेत्र में ही जमकर विरोध है। विरोध टिकट को लेकर नहीं मौजूदा समय में नगर पंचायत की अध्यक्ष जिन्होंने विकास का सपना दिखाया मगर विकास धरातल पर नहीं दिखाई दिया जनता ने कहा तीन बार चुनाव धोखे में देखकर जीता गया। जनता की कसौटी पर खरी नहीं उतर सकी राजनीति तर्क से नहीं विश्वास से चलती है। दरगाह किछौछा की जनता ने शबाना खातून पत्नी गौस अशरफ को कटघरे में खड़ा कर दिया है शबाना खातून से एक सवाल पूछा जा रहा है कि 15 वर्षों में जो एक नगर पंचायत का विकास नहीं कर सकी, वह क्या करेंगी विधानसभा का विकास। 15 वर्षों में गोश अशरफ नगर पंचायत को लूटने का काम किया है।
सरकारी जमीनों में हेरा फेरी करना आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करना। झूठे वादे करना यह सब इनकी फितरत में है। आपको बताते चलें कि, दरगाह किछौछा विश्व प्रसिद्ध सूफी संत मखदूम बाबा के नाम से जाना जाता है 15 वर्षों में नगर की जनता ने उनके हाथों में नगर की कमान देकर बहुत बड़ी भूल की है।क्षेत्र में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर नगर पंचायत किछौछा की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। नगर की कई गलियों पर हर रोज कूड़े के ढेर के कारण लोगों को वहां से आने जाने में परेशानी होती है। बरसात के दिनों में कचरे से उठती दुर्गध के कारण आसपास के दुकानदारों का दुकानों पर बैठना मुश्किल हो जाता है।
नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क मार्गो सहित नगर की कई मोहल्ले में अक्सर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। नालो पर रखी हुई पटिया पूरी तरह टूट चुकी है। बिजली के जर्जर पुल तारों का जाल यह नगर पंचायत अध्यक्ष शबाना खातून की मेहनत और विकास की पहचान है। इसी के दम पर वह विधानसभा का सपना देख रही है।जगह-जगह जलभराव कूड़े का ढेर पालिका प्रशासन के साफ सफाई के दावों की पोल खोल देता है।
कुछ दिनों तक शहर के प्रत्येक वार्ड में सफाई अभियान चलाया था, लेकिन अभियान कुछ ही दिनों बाद छू -मंतर हो गया और व्यवस्था पुराने ढर्रे पर आ गई। इससे नगर क्षेत्र के अधिकांश मार्गो पर गंदगी के ढेर अक्सर दिख जाते हैं।


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